नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन भारत में मेडिकल प्रोफेशनल्स के रजिस्ट्रेशन, प्रैक्टिस के लिए नए नियम लाने जा रहा है। इसके तहत देश में एमबीबीएस करने वाले और विदेश से एमबीबीएस कर भारत में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर के लिए कई नियम बनाए जाएंगे। जिसमें उनकी यूनीक आईडी से लेकर नेशनल रजिस्टर आदि का प्रावधान होगा।
क्या है नया प्रस्ताव
नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा जारी ड्रॉफ्ट रिपोर्ट के अनुसार लाइसेंस टू प्रैक्टिस मेडिसिन 2022 एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ एडिशनल क्वॉलिफिकेशन, 2022 और विदेश में मेडिकल पढ़ाई कर भारत में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर के अस्थायी पंजीकरण के नियम तैयार किए जाएंगे। जिसके आधार पर मेडिकल ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट के रजिस्ट्रेशन और प्रैक्टिस की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।
हर डॉक्टर की यूनीक आईडी
ड्रॉफ्ट गाइडलाइन के अनुसार एक डायनमिक नेशनल मेडिकल रजिस्टर बनाया जाएगा। उसमें NEET क्वॉलिफाई करने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा को एक यूनीक आइडी प्रदान की जाएगी। जिससे उसकी सभी प्रोफेशनल योग्यता लिंक होगी। इसमें एमबीबीएस से लेकर पीजी तक की डिग्रियां लिंक होंगी।
इसके अलावा विदेश से डॉक्टर की डिग्री लेकर भारत में पीजी, फेलोशिप, क्लीनिकल रिसर्च आदि दूसरी सेवाओ के अध्ययन करने वाले छात्रों को भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा देने का प्रस्ताव है। इसके एनएमसी अब ऐसे डॉक्टरों को एक 12 महीने का अस्थायी पंजीकरण प्रदान करेगा जो कार्यक्रम की अवधि के साथ समाप्त हो जाएगा।
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प्रैक्टिस के लिए PASS करना होगी ये परीक्षा
ड्रॉफ्ट के अनुसार,भारतीय मेडिकल स्नातक किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने और अपनी साल भर की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी करने के बाद नेशनल एग्जिट टेस्ट (NEXT) पास करेंगे। उसके बाद वह नेशनल मेडिकल रजिस्टर में पंजीकरण के लिए पात्र होंगे। इसी तह विदेश से एमबीबीएस डिग्री लेने वाले छात्रों को भारत में एक इंटर्नशिप पूरी करनी होगी। जिसके बाद उन्हें NEXT उत्तीर्ण करनी होगी। जिसके बाद वह प्रैक्टिस के लिए प्रात्र होगें।
एनएमसी ने अभी ड्रॉफ्ट गाइडलाइन जारी की है। इसके बाद वह सभी संबंधित पक्षों की राय लेकर फाइनल गाइडलाइन जारी करेगा।