मुंबई: रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की ओर से आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा को लेकर उम्मीदवारों की ओर से जताई गई चिंता और शिकायतों को दूर करने के लिए उनसे 16 फरवरी तक सुझाव मांगे गए हैं। रेलवे ने पहले स्टेप कंप्यूटर आधारित परीक्षा से एनटीपीसी परीक्षा के मौजूदा शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को प्रभावित किए बिना और सीईएन आरआरसी में दूसरे स्टेप सीबीटी के संबंध में उम्मीदवारों की चिंताओं को दूर करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है।
उम्मीदवार अपनी चिंताओं और सुझावों को इस समिति में 16 फरवरी 2022 तक दर्ज कर सकते हैं। यह समिति इन चिंताओं पर बारीकी से गौर करने के बाद 04 मार्च, 2022 तक अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
एनटीपीसी परीक्षा के परिणाम 14 जनवरी 2022 को घोषित किए गए थे। फिलहाल आरआरबी ने एनटीपीसी के दूसरे चरण के सीबीटी और प्रथम चरण के सीबीटी को स्थगित कर दिया है।
भर्ती प्रक्रिया में दूसरे चरण की कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) पर उठाए गए सवालों पर आधारित उम्मीदवारों की चिंताओं के जवाब में, रेलवे ने स्पष्ट किया है कि अधिसूचना के लिए यदि आवेदन देने वाले उम्मीदवार, बड़ी संख्या में हैं और एक करोड़ से अधिक हैं, तो सीबीटी को दो चरणों में आयोजित करने की सलाह दी जाती है, जिसमें पहले चरण का उपयोग, दूसरे चरण की सीबीटी के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है और सीमित उम्मीदवारों के साथ दूसरे चरण की परीक्षा आयोजित की जाती है, ताकि व्यापक तौर पर सामान्यीकरण न हो तथा अंतिम योग्यता अधिक न्यायसंगत और निष्पक्ष हो।
दूसरे चरण की सीबीटी की शॉर्टलिस्ट में शामिल उम्मीदवारों की संख्या पर व्यक्त की गई चिंताओं के बारे में, रेलवे ने कहा कि केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचना (सीईएन) के लिए, पहले चरण की सीबीटी को स्नातक और 12वीं पास उम्मीदवारों के लिए सामान्य बना दिया गया है, यह सीईएन में प्रस्तावित किया गया है कि अधिसूचित रिक्तियों से 20 गुना ज्यादा उम्मीदवारों को दूसरे चरण की सीबीटी के लिए बुलाया जाएगा, ताकि प्रथम चरण की सीबीटी के माध्यम से स्क्रीनिंग के बाद दूसरे चरण की सीबीटी के लिए पर्याप्त संख्या में उम्मीदवारों को उपस्थित होने का अवसर दिया जा सके।
स्नातक और बारहवीं स्तर के पदों के लिए पात्र बनने का स्नातक उम्मीदवारों को अनुचित लाभ मिलने संबंधी चिंताओं के जवाब में, रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि समय, ऊर्जा और श्रम को बचाने के उद्देश्य से स्नातक और बारहवीं स्तर के पदों के लिए भर्तियों का एकीकरण किया गया है। यह कदम कोविड-19 महामारी के दौरान उपयोगी साबित हुआ है। साथ ही, कंप्यूटर आधारित टेस्ट 1 (सीबीटी 1) के मानकों को बारहवीं स्तर का रखा गया है ताकि बारहवीं स्तर के छात्रों को घाटा न हो और सिर्फ सीबीटी 2 में ही विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग मानक होंगे।
वहीं भर्ती प्रक्रिया में देरी को लेकर रेलवे ने कहा है कि मार्च 2020 से कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से विभिन्न राज्यों द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों के कारण भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के कारण सीबीटी द्वारा उपयोग की जाने वाली क्षमता भी प्रभावित हुई है, जिससे शिफ्टों की संख्या में वृद्धि हुई है। सीईएन 1 जनवरी 2019 के प्रथम चरण के सीबीटी में 133 शिफ्ट रखी गई थीं।