REET Exam 2021: आरईईटी-लेवल 1 परीक्षा में बीएड बीएसटीसी को लेकर जो विवाद चल रहा था, उस पर लोगों के संदेह को दूर करते हुए, न्यायालय ने कहा है कि बी.एड डिग्री धारक इसके लिए पात्र नहीं होंगे, केवल बीएसटीसी डिग्री वाले ही परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे।
मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एनसीटीई की अधिसूचना को भी रद्द कर दिया, जिसने बी.एड डिग्री धारकों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। यह फैसला खंडपीठ द्वारा तीन दिन की लगातार सुनवाई के बाद आया है। इस फैसले से नौ लाख से ज्यादा आवेदक प्रभावित होंगे। बीएसटीसी और बीएड डिग्री धारकों दोनों की ओर से दायर सभी याचिकाओं का निपटारा कर दिया गया है।
राजस्थान के करीब 9 लाख युवाओं से जुड़े इस मामले पर फैसले का सभी को इंतजार था।
क्या था मामला
रीट लेवल 1 से बीएड अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने को लेकर विवाद गरमाया हुआ था।
मामला तब शुरू हुआ जब REET 2021 के लेवल-1 में बीएड अभ्यर्थियों को मौका दिया गया, इस फैसले के खिलाफ BSTC अभ्यर्थियों ने बिना देर किए हाईकोर्ट में याचिका डाल दी। BSTC अभ्यर्थियों का कहना है भर्ती प्रक्रिया से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर किया जाए। बताते चलें, BSTC अभ्यर्थियों को इस बात से क्या दिक्कत है?
वास्तव में शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि लेवल-1 में सिर्फ बीएसटीसी अभ्यर्थियों को ही पात्र माना जाएगा, तब लेकिन बीएड उम्मीदवार हाईकोर्ट पहुंच गए और उनकी मांग को जायज ठहराते हुए उन्हें रीट में शामिल होने का कोर्ट ने आदेश दे दिया था।
इसलिए रोक दिए गए थे रिजल्ट्स
2018 में जारी अधिसूचना में, एनसीटीई, जिसने बी.एड डिग्री को प्रारंभिक शिक्षा के समकक्ष माना था, ने बी.एड धारकों को आरईईटी-लेवल 1 परीक्षा के लिए योग्य बनाया था। इस अधिसूचना के विपरीत, राज्य ने केवल बीएसटीसी उम्मीदवारों को ही परीक्षा के लिए अनुमति दी थी। यही वजह है कि बी.एड उम्मीदवारों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने पहले बी.एड धारकों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी, लेकिन फिर मामले का फैसला होने तक परिणामों को रोकने का निर्देश दिया। परीक्षा पहले ही 26 सितंबर, 2021 को आयोजित की जा चुकी है और उन उम्मीदवारों को परिणाम की प्रतीक्षा है, जिनके रिजल्ट रोके गए हैं।
यह आदेश बीएसटीसी उम्मीदवारों के लिए राहत की तरह आया है, जिन्हें बी.एड उम्मीदवारों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा था।