RRB NTPC Result Latest Update; लंबे इंतजार के बाद RRB NTPC परीक्षा का जब 14 जनवरी 2022 को रिजल्ट आया तो उम्मीद थी, कि उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं फरवरी में होने वाली अगर चरण की परीक्षा में जुट जाएंगे। लेकिन रिजल्ट को लेकर फैले असंतोष ने अब हिंसक रूप ले लिया है। बिहार में जहां कई जगह पर नाराज छात्रों ने तोड़-फोड़ की वहीं ट्रेन में भी आग लगा दी। छात्रों का आंदोलन बिहार से निकलकर उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया। जहां प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों की बेरहमी से पिटाई का मामला भी सामने आया है। बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे ने एक कमेटी का गठन कर दिया है और उसकी रिपोर्ट आने तक 15 फरवरी 2022 को होने वाली दूसरे चरण की परीक्षा और 23 फरवरी 2022 को होने वाली ग्रुप-डी परीक्षा की तारीख को भी टाल दिया है।
रेल मंत्री ने की अपील
इस बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस कर छात्रों से अपील की है कि वे कानून अपने हाथ में न लें। सरकार उनके द्वारा उठाई गई शिकायतों और चिंताओं को गंभीरता से ली रही हैं। और उनकी शिकायतों का समाधान करेगी। रेलवे की कमेटी छात्रों से मुलाकात करेगी। उन्होंने कहा 1.25 करोड़ लोगों ने आवेदन किया। निष्पक्ष तरीके से परीक्षा कराई गई। कोरोना के बावजूद परीक्षा जल्दी ली गई। रेलवे की एक कॉमन परीक्षा पर विचार किया जा रहा है। एक कैटेगरी के लिए कॉमन परीक्षा पर विचार किया जाएगा। जाहिर है सरकार छात्रों के गुस्से को शांत करने की कोशिश कर रही है।
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किस बात पर है विवाद
असल में RRB NTPCपरीक्षा में अलग-अलग पे-ग्रेड पर, क़रीब 35 हजार नौकरियों के लिए वैकेंसी निकली गई थी और उसके लिए 2019 में आवेदन मांगे गए, कोरोना और दूसरी वजहों से परीक्षा करीब दो साल बाद दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के बीच कराई गईं। और उसके नतीजे 14 जनवरी को घोषित किए गए। RRB NTPC परीक्षा में पे-ग्रेड के हिसाब से 2-6 लेवल बांटे गए । इसमें कुछ पदों के लिए आवेदन के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई जबकि कुछ के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रैजुएशन रखी गई।
छात्रों की दलील है कि रेलवे ने दावा किया था कि सीबीटी-2 की परीक्षा के लिए पद के अनुसार 20 गुना अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण किया जाएगा। लेकिन रेलवे ने ऐसा नहीं किया। उनका दलील है कि एक ही अभ्यर्थी को चार-पांच पदों के लिए उत्तीर्ण कर दिया गया है। ऐसे में असफल छात्रों के साथ नाइंसाफी हुई है।
पेंच यही फंस गया है क्योंकि तकनीकी रूप से न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के आधार पर एक से ज्यादा आवेदन के लिए नहीं रोका जा सकता है। यानी अगर कोई छात्र ग्रैजुएट हैं, तो उसे 12 वीं पास न्यूनतम योग्यता वाले पद के लिए नहीं रोका जा सकता है। इस वजह से कई छात्रों ने एक से ज्यादा पदों के लिए आवेदन किया। और जब रिजल्ट घोषित हुए कई छात्र एक से ज्यादा पदों के लिए क्वॉलिफाई कर गए। ऐसे में असफल छात्रों को लेकर लगता है कि उनका मौका छिन गया।
हालांकि बढ़ते हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने कमेटी बना दी है और छात्र अपने सुझाव उसे 16 फरवरी 2022 तक भेज सकेंगे।