Teacher's Day Speech in Hindi 2022 (शिक्षक दिवस पर भाषण हिंदी में): ज्ञान ही इंसान को जीने योग्य जीवन की दिशा में ले जाता है। जिस तरह से एक शिल्पकार पत्थर को तराशकर उसे मूर्ति का आकार देता है और कुम्हार कच्ची मिट्टी को तपाकर उसके विकारों को दूर करता है। ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक भी छात्रों के अवगुणों को दूर कर काबिल बनाता है। शिक्षक ज्ञान का वह अविरल रहने वाला स्रोत बताया गया है, जो लाखों छात्रों के भाग्य का निर्माण करता है। वह ज्ञान का एक ऐसा भंडार है, जो दूसरों को बनाने में खुद को भी भुला देता है। कहा जाता है कि, एक बच्चे के जन्म के बाद उसकी मां पहली गुरू होती है, जो अक्षरों का बोध कराती हैं। वहीं दूसरे स्थान पर शिक्षक होते हैं, जो हमें काबिल बनाते हैं और सांसारिक बोध कराते हैं।
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जिंदगी के इम्तिहान में शिक्षकों के सिखाए गए सबक हमें सफलता की बुलंदियों पर ले जाते हैं। प्राचीन काल से ही गुरुओं का हमारे जीवन में विशेष योगदान रहा। भारत में प्रतिवर्ष शिक्षकों के सम्मान में 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों को समाज के विकास में उनके अनकहे योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है।
बता दें देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 1962 में जब डॉ. साहब ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण किया, तब उनके कुछ मित्र, शिष्य और सगे संबंधी उनका जन्मदिवस मनाने के लिए उनके पास आए और उनसे अनुरोध किया कि वो उन्हें जन्मदिन मनाने की अनुमति दें। लेकिन डॉ. साहब की सादगी ने यहां भी सबको मोहित कर दिया।
उन्होंने कहा कि मेरे जन्मदिवस को अलग से मनाने के बजाए, इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस में अब मात्र दो दिन बाकी हैं, अभी से स्कूल व कॉलेज से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में टीचर्स डे की तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्रत्येक वर्ष इस दिन पुरस्कार से शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
स्कूल में छात्र अपने शिक्षकों के लिए नृत्य और गायन प्रदर्शन का कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। साथ ही स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यदि आप भी अपने शिक्षकों की प्रशंसा करने व जीवन में शिक्षकों की महत्वता को बताने के लिए भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे हैं, तो हमारे इस आर्टिकल पर एक नजर अवश्य डालें। यहां आप अपने भाषण को दमदार बनाने के टिप्स जान सकते हैं।
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दोहे से करें भाषण की शुरुआत
शिक्षक ऐसा होत है, जैसे शीतल नीर,
प्यास बुझा दे ज्ञान की, हर ले सारी पीर।
शिक्षक पारस मानिये, खुद को लोहा मान,
उसको छूते ही बनें, सारे कनक समान।
बिना शिक्षक बनता नहीं, जग में कोई महान
शिक्षक ही है डालता मृत सपनों में जान
तालियों की गड़हड़ाहट से गूंज उठेगा मंच
यदि आप चाहते हैं कि मंच पर चढ़ने से पहले आपका नाम सुनते ही तालियों की गड़गड़ाहट से मंच संचालक की आवाज दब जाए और आपके नाम का शोर पूरे स्टेडियम में गूंज उठे तो भाषण की शुरुआत शिक्षक पर शानदार दोहे या कविता से करें। भाषण के बीच अपने जीवन से जुड़ी किसी दिलचस्प कहानी का जिक्र भी करें। साथ ही शिक्षक दिवस की महत्वता को बताते हुए भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जीवन से महत्वपूर्ण सेदेश, कोट्स, विचार आदि को अपने उद्बोधन में शामिल करें। बिना डॉ. साहब का जिक्र किए आपका भाषण अधूरा माना जाएगा। ध्यान रहे भाषण को ज्यादा लंबा ना करें, इससे आपके उद्बोधन से सामने वाले को बोरियत महसूस होगी।
कुछ यूं करें स्पीच की शुरुआत
सत्य की राह पर चलना सिखाते हैं,
जीवन के संघर्षों से लड़ना सिखाते हैं,
कोटि - कोटि नमन है उन शिक्षकों को,
जो हमें ईमानदारी से जीना सिखाते हैं।
शिक्षक दिवस का इतिहास, महत्व और अन्य तथ्य, जानें यहां
आदरणीय प्राधानचार्य महोदय, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, आज हम शिक्षक दिवस का जश्न मनाने के लिए यहां उपस्थित हुए हैं। सर्वप्रथम आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रतिवर्ष 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. राधा कृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ. साहब का जन्म साल 1988 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तिरुतनी में हुआ था। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद उनकी पढ़ाई लिखाई में काफी रुचि थी। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई तिरुवल्लुर के गौड़ी स्कूल औऱ तिरुपति के मिशन स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने छात्रवृत्ति के माध्यम से क्रिश्चियन कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की। 1916 में उन्होंने दर्शनशास्त्र में एमए किया और और मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में सहायक प्रोफेसर बने। 16 वर्ष की आयु में डॉक्टर साहब का विवाह हुआ। राधा कृष्णन को 27 बार नोबल पुरस्कार से नवाजा गया और 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यहां डॉक्टर राधाकृष्णन के विचारों का उल्लेख करें, इससे आपके उद्बोधन में लोगों की दिलचस्पी बढ़ जाएगा।
राधा कृष्णन कहा करते थे कि.........
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ये विचार आपके उद्बोधन को दमदार बनाने में मददगार सिद्ध होंगे, ये कोट्स आपके भाषण में जान डाल देंगे। ऐसे में भाषण के बीच इन कोट्स का उल्लेख करना ना भूलें।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षक दिवस पर अनमोल कोट्स, टीचर्स डे स्पीच में ला देंगे जान
नीचे इन कविताओं से करें भाषण का अंत
दुनिया का भाग्य विधाता
हमारे जीवन का रक्षक है,
खुद को जला प्रकाश फैलाता
भगवान समान वो शिक्षक है।
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भाग्य विधाता कहूं तुम्हें
या भाग्य रचयिता
ज्ञान का अविरल स्रोत..
जिसमें हो बहता।
जो निस्वार्थ पथ दिखलाता,
किसी को बनाने में जो स्वयं मिट जाता।
वो ऐसा ज्ञान का भंडार है
जिसपर हर निष्ठावान का अधिकार है।
इस प्रकार टीचर्स डे पर अपने भाषण को तैयार करें। यकीन मानिए आपका भाषण शिक्षक दिवस को यादगार बना देगा।