Process Of Abroad Studies: विदेश में पढ़ने हर स्टूडेंट की जिंदगी को एक बड़ा कदम होता है। ज्यादातर भारतीय मिडिल क्लास परिवारों के लिए यह एक बहुत बड़ा निवेश होता है। देखा जाए तो यह घर खरीदने से भी बड़ा निवेश होता है। अगर स्टूडेंट्स अच्छी शिक्षा पाने में सफल रहते हैं तो उनकी किस्मत अच्छी हो जाती है। यह जिंदगी में एक बार मिलने वाला मौका होता है। ऐसे में जरूरी की अपनी तरफ से पूरी तैयारी और रिसर्च की जाए ताकि आपका पैसा बर्बाद न हो। आज विदेशों में पढ़ाई के नाम पर कई स्कैम्स भी चल रहे हैं। आपको इन स्कैम्स से बचने की जरूरत है, वरना आप बुरे फंस सकते हैं।
विदेशों में अप्लाई करने की प्रक्रिया भारत से अलग होती है। यहां सिर्फ एकएंटेरन्स टेस्ट पर सब निर्भर होता है जबकि वहां पिछले कई सालों के परफॉर्मेस को भी ध्यान में रखा जाता है। इसके अलावा आपको एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी, रिसर्च में जुड़ाव, रिकमेंडेशन और एस्से पर भी ध्यान दिया जाता है। ऐसे में आपको पहले पूरी प्रक्रिया की जानकारी जुटा लेनी चाहिए।
एजेंट बनाम काउंसिलर
क्या आप एजेंट और काउंसिलर के बीच के अंतर को जानते हैं? इस बात की जांच करें कि आपकी बेस्ट इंट्रेस्ट को ध्यान में रखा जा रहा है या नहीं। इसके लिए देखें कि एजेंट या काउंसलिर आपको उन यूनिवर्सिटीज में अप्लाई करने दे रहे हैं या नहीं जो उनके साथ संबद्ध या पार्टनरशिप में नहीं है। यह उनकी असली पहचान होगी।
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वित्तीय दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा
विदेश में पढ़ना इतना सस्ता नहीं होता। इसके लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। पैसा जमा करने के लिए वित्तीय दस्तावेजों में कोई फर्जीवाड़ा न करें। अगर आप एक बार पकड़े गए तो आपको हमेशा के लिए वीजा के लिए अप्लाई करने से बैन कर दिया जाएगा। अपने वित्तीय दस्तावेजों को दुरुस्त रखें।
वीजा सैक्म्स
कई स्टूडेंट्स को एजेंटों द्वारा गारेंटेड वीजा देने का वादा किया जाता है। लेकिन, सच यह है कि कोई भी एजेंट आपके वीजा पर नियंत्रण नहीं रख सकता। एजेंटों पर विश्वास न करें क्योंकि ये अपने फायदे के लिए आपका नुकसान करवा सकते हैं। इन मामलों में सावधानी बरतना जरूरी है वरना आप अपने वीजा के साथ अपने पासपोर्ट से भी हाथ धो सकते हैं।
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