हैदराबाद : कहते हैं, जब हम पूरी ईमानदारी के साथ कुछ करना चाहते हैं तो परिस्थितियां भी उसके अनुकूल बनने लग जाती हैं। तेलंगाना के 51 वर्षीय शख्स के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, जब 10वीं की परीक्षा पास करने की उसकी इच्छा 33 वर्षों की लगातार कोशिशों के बाद जाकर पूरी हो सकी। पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय से परीक्षा में फेल हो रहे हैदराबाद के मोहम्मद नूरुद्दीन को इस साल सफलता मिली है, जो किसी सपने के सच होने से कम नहीं है।
नूरुद्दीन कहते हैं, अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण वह अब तक 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर सके। उन्हें कोई अंग्रेजी पढ़ाने वाला नहीं था और इसलिए हर बार वह तेलंगाना बोर्ड की ओर से आयोजित की जाने वाली SSC परीक्षा में फेल हो जाते थे। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने 10वीं की परीक्षा कराए बिना ही इसके लिए पंजीकृत सभी छात्रों को प्रमोट करने का फैसला किया, जिसका फायदा नूरुद्दीन को भी मिला।
नूरुद्दीन के मुताबिक, पिछले 33 वर्षों में वह हर साल 10वीं की परीक्षा देते रहे। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले तब प्रयास किया था, जब उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के लिए आवेदन दिया था। तब उनसे 10वीं का रिजल्ट मांगा गया था। हालांकि उन्हें बाद में यह नौकरी 10वीं परीक्षा पास किए बगैर ही मिल गई और वह आज तक सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर अपना काम कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें प्रति माह 7,000 रुपये का वेतन भी मिलता है।
नूरुद्दीन के चार बच्चे हैं। उनका कहना है कि पढ़ाई को लेकर उनमें अब भी उत्साह बरकरार है और वह आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। अब उनकी इच्छा 12वीं की पढ़ाई कर स्नातक और फिर स्नातकोत्तर करने की भी है। वह एक बेहतर नौकरी चाहते हैं और यह भी मानते हैं कि पढ़े-लिखे लोगों की कद्र हर जगह है।