नई दिल्ली: कर्मचारी चयन आयोग (SSC)देश में सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी की भर्ती करने वाली संस्थाओं में से एक है। पिछले 5 साल में SSC के जरिए 2.14 लाख से ज्यादा भर्तियां की गई है। इसलिए SSC हमेशा से युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लेकिन कई बार तैयारी करते समय उम्मीदवार कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जो उनके चयन में अवरोधक बन जाती है। ऐसे में हम आपको उन बातों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें तैयारी करते समय गलती नहीं करनी चाहिए।
अलग-अलग पैटर्न की परीक्षाओं की एक साथ तैयारी करना
कई उम्मीदवार सरकारी नौकरी की चाह में एक साथ अलग-अलग पैटर्न की परीक्षाओं की तैयारी करने लगते हैं। मसलन वह बैंक पीओ, एसएससी, नेट जैसी परीक्षाओं की तैयारी एक साथ करते हैं। ऐसे में वह किसी एक परीक्षा पर फोकस नहीं कर पाते हैं। जो कि परीक्षा के समय काफी भारी पड़ जाती है। ऐसे में तैयारी करती समय ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए।
ऑनलाइन परीक्षा की प्रैक्टिस नहीं करना
आजकल एसएससी की कई परीक्षाओं के कुछ हिस्से ऑनलाइन तरीके से आयोजित की जाती हैं। ऐसे में कई उम्मीदवार तैयारी के समय इस अहम बात की अनदेखी कर देते हैं। वह उस दौरान पेपर-पेन के जरिए ही प्रैक्टिस करते हैं। लेकिन जब ऑनलाइन परीक्षा देते हैं, तो उसकी तैयारी ठीक से नहीं होने पर समय गंवाते हैं। जिसका उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
परीक्षा के समय कठिन सवालों पर पहले फोकस करना
कई उम्मीदवार, परीक्षा के दौरान कठिन सवालों पर सबसे पहले फोकस करते हैं। उनका यह मानना होता है कि इसे करने के बाद आसान सवालों को जल्द ही हल कर लेंगे। लेकिन कठिन सवालों को हल करने में वह कई बार फंस जाते हैं, और ज्यादा समय गंवा देते हैं। जिसकी वजह से उनसे आसान सवाल भी छूट जाते हैं।
हमेशा काम नहीं आती है ट्रिक
परीक्षाओं के पैटर्न को देखते हुए उम्मीदवार कम समय में ज्यादा सवाल हल करने के चक्कर में ट्रिक का ज्यादा अभ्यास करते हैं। लेकिन यह तरीका कई बार भारी पड़ जाता है। क्योंकि कई सवालों के लिए ट्रिक नहीं काम करते हैं। ऐसे में अगर कंसेप्ट क्लीयर नहीं है, तो सवाल हल नहीं हो पाता है। जिसका भी नुकसान उठाना पड़ता है।
मात्रा और व्याकरण की गलतियां
उम्मीदवार परीक्षा देते समय हड़बड़ी में मात्रा की भी गलतियां करते हैं। इसके अलावा व्याकरण का ध्यान नहीं रखते हैं। जिसका नुकसान उन्हें परीक्षा के दौरान उठाना पड़ता है। तैयारी करते समय गूगल पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए। उसमें मात्रा की प्रैक्टिस नहीं हो पाती है। इसलिए लिखकर अभ्यास करना बेहद जरूरी है। इसी तरह पाठ्यक्रम का तैयारी करते समय ध्यान नहीं देना भी नुकसानदेह होता है।