भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है। उन्होंने 1947 से 1958 के बीच पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार के दौरान पहले शिक्षा मंत्री के रूप में देश की सेवा की। वह एक सुधारक, एक स्वतंत्रता सेनानी, एक विद्वान और एक प्रख्यात शिक्षाविद् थे, जो शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की सोच रखते थे।
जानें मौलाना अबुल कलाम के माता पिता के बारे में
Maulana Abul Kalam Azad का वास्तविक नाम अबुल कलाम गुलाम मोहिउद्दीन अहमद था, हालांकि वे मौलाना आजाद नाम से प्रसिद्द हुए। इनके पिता का नाम मौलाना सैयद मोहम्मद खैरुद्दीन बिन अहमद अलहुसैनी था। उनके पिता भी एक विद्वान थे जिन्होंने 10 से ज्यादा किताबें लिखी थीं। उनकी मां का नाम शेख आलिया बिंते मोहम्मद था जो शेख मोहम्मद बिन जहर अलवत्र की बेटी थीं।
स्वतंत्रता संग्राम के रहे हैं मुख्य नायक
मौलाना आजाद स्वतंत्रता संग्राम के समय के मुख्य नायक भी रहे हैं। मक्का में जन्में मौलाना आजाद साल 1890 में परिवार के साथ भारत के कलकत्ता में शिफ्ट हो गए। मात्र 13 साल की उम्र में शादी हो गई, इनकी पत्नी का नाम खदीजा बेगम था।
व्यक्तिगत जानकारी
मौलाना आजाद (Maulana Azad) का जन्म 11 नवंबर, 1888 को हुआ था। उन्हें स्वतंत्र भारत में शिक्षा के प्रमुख वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। राष्ट्र निर्माण, संस्था निर्माण और शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना आजाद (Maulana Azad) के अनुकरणीय योगदान को याद करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। वह कहा करते थे कि स्कूल ऐसी प्रयोगशालाएं हैं जो देश के भावी नागरिक तैयार करती हैं।
उनका मानना था कि महिलाओं के सशक्तिकरण से ही समाज स्थिर होगा। 1949 में उन्होंने संविधान सभा में महिलाओं की शिक्षा का मुद्दा उठाया था। कलाम ने ग्रामीण उच्च शिक्षा बोर्ड, बुनियादी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय संगठन और अन्य की नींव भी रखी। Maulana Abul Kalam Azad का 22 फरवरी, 1958 को 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।