लखनऊ: यूपी में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। वीरता, खेल, नवाचार, शैक्षिक, कला व संस्कृति हर विधा में यूपी के छात्रों ने अपना दम दिखाया है। वहीं, योगी सरकार इन प्रतिभाओं को संवारने का काम प्रतिबद्धता से कर रही है। इन्हीं प्रयासों के चलते यूपी के पांच छात्रों ने केन्द्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार वितरण के मौके पर प्रधानमंत्री ने छात्रों को सफलता के मूल मंत्र भी दिए। पुरस्कार पाने वालों छात्रों में लखनऊ के व्योम आहुजा, बाराबंकी के कुंवर दिव्यांशु, अलीगढ़ के मोहम्मद शादाब, प्रयागराज के मोहम्मद राफे और गौतमबुद्ध नगर के चिराग बंसाली शामिल हैं। देश के दूसरे राज्यों के अपेक्षा यूपी के छात्रों ने सबसे अधिक पदक हासिल किए है। यूपी के छात्रों ने हर विधा में बाजी मारते हुए पदक हासिल किए हैं।
यूपी के छात्रों ने हर विधा में किया कमाल
1: लखनऊ के 11 साल के व्योम अहुजा इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में 28 बार नाम दर्ज करवा चुके है। कम उम्र में व्योम ने संगीत के साथ ज्ञान, विज्ञान और खेल में कई उपलब्धियां हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। व्योम कहते हैं कि अब तक मिले हर पुरस्कार ने हौसला बढ़ाया है, लेकिन प्रधानमंत्री की तरफ से मिलने यह सम्मान बेहद खास है। व्योम ने दो साल चार माह की उम्र में बांसुरी वादन शुरू कर दिया था, जबकि 9 साल की उम्र में बंजी जंपिंग कर एशिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। पढ़ाई के क्षेत्र में दो बार फ्यूचर कलाम अवार्ड भी पा चुके हैं।
2: खेल श्रेणी में प्रयागराज के रहने वाले 17 साल के मोहम्मद राफे ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हासिल कर यूपी का नाम रोशन किया। मोहम्मद राफे कहते हैं कि उनके लिए यह गौरव का क्षण है। इसे वह कभी भुला नहीं सकते हैं। साल 2019 में मोहम्मद राफे ने मंगोलिया की राजधानी उलान बाटर हवे में हुई जूनियर एशियन गेम्स में भारत को जिम्नास्टिक में कांस्य पदक दिलाकर प्रदेश का नाम रोशन किया था। जूनियर एशियन गेम्स में बीते 10 सालों में भारत को जिम्नास्टिक में कोई मेडल नहीं मिला था। खेल गांव पब्लिक स्कूल में 12वीं के छात्र मोहम्मद का चयन सेना के लिए हो चुका है। अब वे सेना की तरफ से खेलेंगे। मोहम्मद राफे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पांच बार नेशनल चैंपियन रहे हैं।
3: बाराबंकी नवाबगंज तहसील के मखदूमपुर गांव निवासी कुंवर दिव्यांश सिंह ने वीरता में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हासिल किया है। साल 2018 में स्कूल से लौटते समय एक सांड ने उनकी 5 साल की बहन पर हमला कर दिया था। बहन की जान का खतरा देख दिव्यांश ने बहादुरी दिखाते हुए अपने स्कूली बैग से ही हमलावर सांड से भिड़ गए थे। दिव्यांग के दाहिने हाथ में फ्रैक्चर हो गया था। लेकिन उसने हार नहीं मानी। आखिरकार में सांड को भगाकर बहन की जान बचा ली। तब उसकी उम्र महज 13 साल की थी। दिव्यांशु को राष्ट्रीय और राज्य स्तर सहित करीब 24 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
4: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र मोहम्मद शादाब ने शैक्षिक श्रेणी में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हासिल किया है। शादाब के माता पिता पढ़े लिखे नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी लगन व मेहनत के जरिए केनेडी-लूगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी स्कॉलरशिप के जरिए अमेरिका के बेलफास्ट एरिया हाईस्कूल में पढ़ाई की है। शादाब ने 97.6 फीसदी नंबर हासिल कर स्कूल टॉप किया था। उसे स्कॉलरशिप में 28 हजार अमेरिकी डॉलर मिले थे। शादाब के पिता अरशद नूर मोटर मैकेनिक हैं। मां जरीना बेगम गृहिणी हैं। लेकिन उन्होंने बेटे को पढ़ाने के लिए हाड़ तोड़ मेहनत की। जिसका फल आज उन्हें मिल रहा है। शादाब का कहना है कि वह संयुक्त राष्ट्र में ह्यूमन राइट अफसर के रुप में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहता है।
5: गौतमबुद्धनगर जिले के कक्षा 11 के छात्र चिराग भंसाली को इनोवेशन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है। चिराग ने चीनी ऐप पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद स्वदेशी टेक नाम की वेबसाइट बनाई है। इस प्लेटफार्म पर भारतीय यूजर्स के लिए चीन के हर प्रतिबंध ऐप का विकल्प मौजूद है। एक सप्ताह में बनी वेबसाइट का 12 जून 2020 को लांचिंग हुई थी। चिराग ने महज 12 साल की उम्र में यूट्यूब के जरिए कोडिंग करना सीख लिया था। चिराग भंसाली ने कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पहला स्थान हासिल किया है।
सरकार की योजनाएं देंगी उड़ान
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों के सपनों को उड़ान देने के लिए यूपी दिवस के मौके पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए नि:शुल्क अभ्युदय कोचिंग की शुरू की है। प्रदेश सरकार की ओर से नवाचार व स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना समेत कई योजनाओं के जरिए छात्रों व युवाओं का भविष्य संवारने का काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने दिए सफलता के मूल मंत्र
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों को सफलता के मूलमंत्र भी दिए। इस दौरान उन्होंने शैक्षिक श्रेणी में सफलता हासिल करने वाले अलीगढ़ के छात्र मोहम्मद शादाब से बात भी की। प्रधानमंत्री ने छात्रों से वर्चुअली संवाद करते हुए कहा कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए तीन मूलमंत्रों को जरूर याद रखें। इनमें पहला निरंतरता का संकल्प लें, कामयाबी मिलने के बाद दोगुनी लगन कार्य में जुटे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी काम सिर्फ अपने लिए न करें बल्कि देश के लिए करें। उन्होंने विनम्रता का संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा कि सफलता हासिल करने के बाद घमंड करने के बजाए अपने अंदर विनम्रता को बढ़ाए। पुरस्कार जीवन का छोटा सा पड़ाव है। इसकी वाहवाही में खोना नहीं है बल्कि आगे बढ़ना है।एक भारत सुंदर भारत की अभिव्यक्ति को साकार करना है। प्रधानमंत्री ने छात्रों को साल एक बार किसी महापुरूष आदि की जीवनी पढ़ने का मंत्र भी दिया।