उत्तर प्रदेश सरकार ने अभिभावकों को एक बड़ी राहत दी है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में तालाबंदी को मद्देनजर रखते हुए इस शैक्षणिक सत्र में फीस वृद्धि नहीं करने का निर्देश जारी किया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है।
सीबीएसई, आईसीएसई, यूपी बोर्ड और राज्य के बाकी सभी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी स्कूलों में साल 2019-20 में लागू हुए तय नियमों के अनुसार ही पेरेंट्स से फीस ली जाएगी। ऐसे में अगर किन्हीं स्कूलों ने नए सत्र के लिए अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस ले ली है तो उन्हें अगले महीने की फीस में बकाया राशि को एडजस्ट करना होगा।
डिप्टी चीफ मिनिस्टर डॉ. दिनेश शर्मा ने ट्वीट कर लिखा, 'उत्तर प्रदेश सरकार ने जनहित में यह निर्णय लिया गया है कि शैक्षिक सत्र 2020-21 में समस्त बोर्डो द्वारा कोई शुल्क वृद्धि नहीं की जाएगी। समस्त विद्यालयों द्वारा नए प्रवेश एवं प्रत्येक कक्षा हेतु शैक्षिक सत्र 2019-20 में लागू शुल्क सरंचना ही शैक्षिक सत्र 2020-21 में लागू रहेगी।'
डिप्टी चीफ मिनिस्टर कहना है कि लॉकडाउन ने कई माता-पिता के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। वेतन कटौती से लेकर कम आय तक जैसी कई परिस्थितियों ने लॉकडाउन में जीवन को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। ऐसे में माता-पिता को फीस देना मुश्किल हो रहा है। इन सभी कारणों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश के स्कूलों को फीस वृद्धि नहीं करनी चाहिए।