केंद्र की नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्‍य बना उत्‍तराखंड, देखें डिटेल

New Education Policy: प्री प्राइमरी एजुकेशन प्रणाली को मजबूत करने के मकसद से केंद्र की नई शिक्षा नीति को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत राज्‍य में आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका संचालित की जाएगी।

New Education Policy
New Education Policy 
मुख्य बातें
  • बच्‍चों के उज्‍जवल भविष्‍य के लिए होगी ये नई शिक्षा नीति
  • अपनी पसंद की भाषा में विषयों का कर सकेंगे अध्‍ययन
  • बाल वाटिका राज्य में 4,457 आंगनवाड़ी केंद्रों पर काम करेगी

New Education Policy:  केंद्र की नई शिक्षा नीति को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। राज्‍य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए राज्य भर के आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका का उद्घाटन किया। बाल वाटिका राज्य में 4,457 आंगनवाड़ी केंद्रों पर काम करेगी और एक निजी स्कूल में नर्सरी कक्षाओं के बराबर होगी।

इस अवसर पर बोलते हुए, धामी ने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन से छात्रों के समग्र व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इससे देश में संस्कृति आधारित शिक्षा की शुरुआत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि एनईपी युवाओं के मजबूत और उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेगी। बच्चों को अपनी पसंद के हिसाब से विषयों का अध्ययन करने और मनमुताबिक भाषा का चयन करने में मदद मिलेगी। 

साल 2030 तक पूरी तरह से लागू होगी नई शिक्षा नीति 
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के सभी प्रयास 2025 तक उत्तराखंड को एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में हैं, जब वह अपने गठन की रजत जयंती मनाएगा। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि एनईपी शिक्षा की मैकाले प्रणाली की जगह लेता है जिसका देश में दशकों से पालन किया जा रहा था।  उन्होंने कहा, "2030 तक उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति पूरी तरह लागू हो जाएगी।"

यूसीसी का तैयार होगा मसौदा 
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने की प्राथमिकता के बारे में भी बताया। उन्‍होंने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को हरी झंडी देने के बाद, सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, जो यूसीसी का एक मसौदा तैयार करेगी, जिसे सभी हितधारकों को विश्वास में लेने के बाद लागू किया जाएगा। 
 

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