शिक्षा, विकास का मूल आधार है। अगर हम अपने बच्चों, युवाओं को शिक्षित करने में नाकाम रहे तो वैश्विक स्तर पर देश अपनी मौजूदगी को दमदारी के साथ नहीं दर्ज करा पाएगा। ऐसे में जेहन में कई तरह के सवाल उठते हैं क्या हम सही दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यहां हम बात करेंगे यूपी के समृद्ध जिलों में से एक गौतमबुद्ध नगर की शिक्षा व्यवस्था के बारे में। भौगोलिक तौर पर यह जनपद राजधानी दिल्ली के करीब है और एनसीआर का हिस्सा भी है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भले ही इस जिले की दूरी करीब 500 किमी हो। लेकिन शासन की नजर हमेशा बनी रहती है। गौतमबुद्धनगर में भी प्रदेश के दूसरे जिलों की तरह प्राइमरी और मिडिल लेवल एजुकेशन कंपोजिट स्कूलों के जरिए दी जा रही है। कंपोजिट स्कूल का अर्थ यह है कि कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के स्कूलों को एक साथ शामिल किया गया है। कंपोजिट स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं और शिक्षा के खास स्तर के बारे में गौतमबुद्ध नगर की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी ने TIMES NOW नवभारत से खास बातचीत की।
सवाल- गौतमबुद्ध नगर के कंपोजिट स्कूलों में शिक्षा के स्तर को आप किस रूप में देखती हैं। अगर पांच साल की बात करें तो कितना बदलाव आया है
सवाल- कंपोजिट स्कूलों के साथ बड़ी समस्या इंफ्रास्ट्रक्चर की है उसके लिए विभाग की तरफ से किस तरह के प्रयास किये गए हैं।
सवाल- प्रदेश के दूसरे जिलों की तुलना में गौतमबुद्धनगर के पास गैर सरकारी संसाधनों का भी विकल्प है, इस दिशा में कोई प्रयास
सवाल- अगर आप को खुद ग्रेडिंग करने के लिए कहा जाय तो जिले में टॉप फाइव कंपोजिट स्कूल कौन से हैं
सवाल- शिक्षकों के मन में इस समय समायोजन को लेकर तरह तरह की उलझन है, इसके बार में आप का क्या कहना है।