गोपालपुर सीट का क्या है जातिगत समीकरण, जहां से अखिलेश के चुनाव लड़ने की है चर्चा  

Aklhilesh Yadav : गोपालपुर में यादवों की संख्या लगभग 64 हजार है। दूसरे नंबर पर दलित मतदाता आते हैं। दलित मतदाताओं की संख्या लगभग 51 हजार है। तीसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं, जिनकी संख्या लगभग 41 हजार है।

Aklhilesh Yadav to fight Gopalpur seat know all about this SP bastion
आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
  • सपा की परंपरागत सीट रही है गोपालपुर, यादव वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा
  • दूसरे स्थान पर मुस्लिमों की आबादी है, सपा अध्यक्ष के लिए सुरक्षित मानी जा रही यह सीट

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव लड़ना करीब-करीब तय माना जा रहा है। रिपोर्टों की मानें तो अखिलेश को आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यह सीट परंपरागत रूप से सपा की है। जातिगत समीकरण को देखते हुए यह सीट अखिलेश यादव के लिए काफी सुरक्षित मानी जा रही है। वर्तमान में सपा मुखिया आजमगढ़ से सांसद हैं। पूर्वांचल की इस सीट से यदि चुनाव मैदान में उतरते हैं तो वह अपनी पार्टी और अन्य सियासी दलों को संकेत भी दे सकते हैं। 

गोरखपुर शहर से चुनावी मैदान में है योगी
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर से चुनावी मैदान में हैं। यह सीट भी पूर्वांचल में आती है। सपा ने अभी अखिलेश के गोपालपुर सीट से चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन इस सीट से उनके चुनाव लड़ने पर पूर्वांचल में दो दिग्गजों का मुकाबला काफी दिलचस्प होगा। आइए एक नजर डालते हैं कि आखिर सपा ने गोपालपुर सीट से अखिलेश को चुनाव लड़ाने का फैसला आखिर क्यों किया। तो इसकी सबसे बड़ी वजह इस सीट सर्वाधिक संख्या में यादव मतदाताओं का होना बताया जाता है। 


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गोपालपुर में यादव-मुस्लिम की संख्या सबसे ज्यादा
गोपालपुर में यादवों की संख्या लगभग 64 हजार है। दूसरे नंबर पर दलित मतदाता आते हैं। दलित मतदाताओं की संख्या लगभग 51 हजार है। तीसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं, जिनकी संख्या लगभग 41 हजार है। यहां सपा के लिए 'MY' समीकरण पूरी तरह फिट बैठता है। इस सीट पर ब्राह्मण लगभग 15 हजार, क्षत्रिय 15 हजार, भूमिहार 12 हजार, लाला तीन हजार हैं। मु्स्लिम और यादवों की ज्यादा आबादी सपा के लिए चुनावी राह आसान बनाती रही है। चाहे लोकसभा का चुनाव रहा हो या विधानसभा का, दोनों चुनावों में सपा का यहां दबदबा रहा है। 

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इस सीट पर रहा है सपा का दबदबा
2017 के विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो इस सीट पर दो महिलाओं सहित कुल 11 नामांकन दाखिल हुए थे। यहां कुल 56.51 फीसदी मतदान हुआ। सपा के नफीस अहमद ने भाजपा के श्रीकृष्णपाल को 14960 वोटों से हराया। नफीस को 70980 वोट मिले जबकि पाल को 56020 वोट मिले। वहीं, 2012 के विस चुनाव में इस सीट पर सपा का कब्जा रहा। यहां से सपा के वसीम अहमद विजयी हुए। अहमद को 47.66 फीसदी वोट मिले। दूसरे स्थान पर बसपा के कमला प्रसाद यादव थे, उन्हें 19.17 फीसदी वोट मिले। इस सीट पर भाजपा ने योगेंद्र यादव को खड़ा किया था। वह 6.79 प्रतिशत वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।  

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