पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर सभी जगहों पर कांग्रेस पार्टी बुरी तरह चुनाव हारी है। कांग्रेस पार्टी के कई कद्दावर नेता चुनाव हार गए हैं। पंजाब में तो मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई मंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा सके। पंजाब में ही लगभग चार दशकों के बाद बादल परिवार का प्रभुत्व भी खत्म हो गया। पहली बार बादल परिवार का एक भी सदस्य विधानसभा चुनाव जीतने में नाकाम रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी चुनाव हार गए, जबकि दिल्ली के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी दो तिहाई से ज्यादा बहुमत के साथ सत्ता में पहुंची है।
कांग्रेस पार्टी के लिए पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव के नतीजे किसी दु:स्वप्न से कम नहीं साबित हुआ। पंजाब की सत्ता तो हाथ से गई है, उत्तराखंड गोवा और मणिपुर में पार्टी के सत्ता में आने का ख्वाब भी टूट गया। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के अघोषित चेहरे हरीश रावत खुद चुनाव हार गए।
विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस का अंतर्कलह एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। पार्टी के कई नेता सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से हार के लिए सीधे तौर पर प्रभारी और प्रदेश अध्यक्षों को जिम्मेदार बता रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के सांसद जसबीर गिल ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि प्रभारी हरीश चौधरी और अजय माकन द्वारा टिकट बेचने की वजह से चुनाव में पार्टी की हार हुई है। गिल ने यह भी कहा है कि क्या वजह है कि 3 महीने पहले तक पंजाब में कांग्रेस पार्टी की जीत निश्चित मानी जा रही थी, लेकिन जैसे ही अजय माकन और हरीश चौधरी को पंजाब की जिम्मेदारी दी गई, उसके बाद से भाई भतीजावाद टिकट बेचना अनुशासनहीनता चरम पर पहुंच गया। कुछ दिन पहले ही गिल ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने प्रभारी हरीश चौधरी को ठग्स ऑफ बाड़मेर कहा था।
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हालांकि चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रभारी हरीश चौधरी ने हार की जिम्मेदारी तो स्वीकार की है, लेकिन इस्तीफे के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। पांच राज्यों के चुनावी नतीजे के बाद कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस के नेताओं को नसीहत दी कि उन्हें यह सोचना चाहिए कि वे जिस पेड़ पर बैठे हैं, उसकी ही टहनी को न काटें। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि हार पर आत्म चिंतन करने के लिए जल्द ही कांग्रेस कार्य समिति (CWC)की बैठक बुलाई जाएगी।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीद उत्तराखंड, पंजाब और गोवा से थी, लेकिन पंजाब और उत्तराखंड में कांग्रेस के बड़े नेता, जिनके ऊपर पार्टी को जीत जीत दिलाने की जिम्मेदारी थी, वे खुद भी अपनी सीट नहीं जीत पाए। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, हरीश रावत जैसे बड़े नेता पार्टी को जिताना तो दूर अपनी सीट निकालने में भी नाकाम रहे। चरणजीत सिंह चन्नी तो दोनों ही सीट से चुनाव हार गए। ऐसे में आने वाले वक्त में कांग्रेस में अंतर्कलह और बयानबाजी का दौर बढ़ने के आसार हैं।