लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबी और प्रभावी भूमिका निभाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का प्रदर्शन 2022 के विधानसभा चुनावों में अब तक सबसे खराब रहा है और कुल 403 सीटों में से उसे महज एक सीट मिली है।बलिया से प्राप्त सूचना के अनुसार, जिले की रसड़ा विधानसभा सीट से बसपा के मौजूदा विधायक और विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह तीसरी बार अपनी सीट बचाने में सफल रहे हैं।
बसपा को 2017 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें मिली थीं। 2012 में उसे 80 से कम सीटें मिली थीं, जो 1991 के बाद सबसे कम थीं, जब पार्टी को 12 सीटें मिली थीं। 2007 में, 206 सीटें जीतकर बसपा ने सरकार बनायी थी।
विधानसभा चुनाव 2017 में, बसपा ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसका वोट शेयर 22.2 प्रतिशत था। हालांकि, उसके उम्मीदवारों की 81 सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी।उत्तर प्रदेश में बसपा का मजबूत आधार माने जाने वाले दलित समुदाय की आबादी 21 प्रतिशत से अधिक है।
बसपा ने राज्य में चार बार अपनी सरकार बनाई है, जिसमें एक पूर्ण बहुमत की सरकार भी शामिल है। पार्टी 1993 में सपा के नेतृत्व वाली सरकार का भी हिस्सा थी। 2001 में बसपा अध्यक्ष बनने वाली मायावती चार बार राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।