लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक और झटका लगा है। शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। वर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि भाजपा सरकार में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को तवज्जों नहीं दी गई। सरकार में किसानों, बेरोजगारों एवं छोटे कारोबारियों की उपेक्षा की गई है। वर्मा ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य उनके नेता हैं। मुकेश वर्मा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दिया है। पिछले दो दिनों में भाजपा से 7 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद भाजपा छोड़ने वाले नेताओं का सिलसिला तेज हो गया है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने बुधवार रात इस्तीफा दे दिया। ऐसा नहीं है कि इस्तीफे केवल भाजपा में हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा से भी नेता पार्टी छोड़ दूसरे दलों में अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रहे हैं।
बुधवार को कांग्रेस विधायक नरेश सैनी, सपा विधायक हरिओम यादव, पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह भाजपा में शामिल हुए। हरिओम यादव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार हैं। भाजपा में ये इस्तीफे ऐसे समय हुए हैं जब पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर फैसला करने के लिए दो दिनों तक दिल्ली में अहम बैठक की है। चर्चा है कि भाजपा पहले तीन चरणों के लिए जल्द अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है।
मंगलवार को मौर्य के इस्तीफे के बाद तिंदवारी से विधायक ब्रजेश प्रजापति, तिल्हार से विधायक रोशन लाल वर्मा और बिल्हौर से विधायक भगवती सागर ने इस्तीफा दे दिया। मौर्य ओबीसी समुदाय का बड़ा चेहरा माना जाता है। पूर्वांचल एवं अवध क्षेत्र की कई सीटों पर उनका प्रभाव माना जाता है। मौर्य साल 2016 में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।