सीएम पुष्कर सिंह धामी चंपावत से लड़ेंगे चुनाव

सीएम पुष्कर सिंह धामी चंपावत से चुनाव लड़ेंगे। इस बात के कयास पहले से लगाए जा रहे थे। लेकिन अब इसकी पुष्टि हो गई है।

Uttarakhand assembly elections 2022, Pushkar Singh Dhami, Champawat seat
सीएम पुष्कर सिंह धामी चंपावत से लड़ेंगे चुनाव 
मुख्य बातें
  • चंपावत से चुनाव लड़ेंगे सीएम पुष्कर सिंह धामी
  • विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने छोड़ी अपनी सीट
  • इस समय बीजेपी के कुल 47 विधायक

सीएम पुष्कर सिंह धामी चंपावत से चुनाव लड़ेंगे। इस बात के कयास पहले से लगाए जा रहे थे। लेकिन अब इसकी पुष्टि हो गई है।  विधायक कैलाश गहतोड़ी ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि मार्च में संपन्न विधानसभा चुनाव में वो अपनी पारंपरिक सीट खटीमा से चुनाव हार गए थे। नियम के मुताबिक सरकार में पदासीन किसी भी शख्स को 6 महीने के भीतर सदन का सदस्य होना जरूरी होता है। 

कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने छोड़ी सीट
उत्तराखंड में भाजपा विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने बृहस्पतिवार को चंपावत सीट से इस्तीफा दे दिया, ताकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के वहां से उपचुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ हो सके।गहतोड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया। इस दौरान गहतोड़ी के साथ अन्य नेताओं के अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा भी मौजूद थे।

खंडूरी ने बताया कि चंपावत के विधायक ने अपनी विधानसभा सदस्यता छोड़ दी है और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।इस्तीफा देने के बाद गहतोड़ी ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़कर खुशी और सम्मान का अनुभव हो रहा है।कौशिक ने गहतोड़ी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के लिए एक ऐसी सीट छोड़ी है, जहां से वह लगातार दो बार से विधायक चुने जा रहे हैं।

बीजेपी के खाते में अभी कुल 47 सीटें
उत्तराखंड में फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा था। हालांकि, चुनाव में पार्टी की अगुवाई करने वाले धामी को खटीमा से हार का सामना करना पड़ा था।‘उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार’ के नारे पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली भाजपा ने एक बार फिर धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया। हालांकि, उनका छह माह के भीतर सदन का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी है, जिसके चलते वह उपचुनाव लड़ने वाले हैं।धामी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनके लिए अपनी सीट छोड़ने का पहला प्रस्ताव गहतोड़ी ने ही दिया था।

अगली खबर