लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव तय समय पर ही होंगे, चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है। चुनाव तैयारी का जायजा लेने के लिए ईसी की टीम लखनऊ पहुंची ईसी की टीम ने गुरुवार को यूपी चुनाव पर अपनी अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। योजना भवन में प्रमुख दलों के प्रतिनिधियों से बुधवार को हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने बताया कि सभी दलों ने समय पर ही चुनाव कराने की अपील की है। साथ ही वे सभी दल रैलियों की संख्या कम करने पर सहमत हैं।
घनी आबादी में बूथ नहीं बनाए जाएंगे
चुनाव अधिकारी ने बताया कि पांच जनवरी को अंतिम वोटर लिस्ट आ जाएगी। चुनाव में 1250 लोगों पर एक बूथ बनाया जाएगा। हर क्षेत्र में आदर्श पोलिंग बूथ होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार 52.08 लाख नए मतदाता शामिल हुए हैं। साथ ही कोविड के खतरे को देखते हुए इस बार 11 हजार मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। चुनाव अधिकारी ने कहा कि महामारी के खतरे को देखते हुए घनी आबादी में बूथ नहीं बनाए जाएंगे।
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यूपी में मतदान का कम प्रतिशत चिंता का विषय
चुनाव अधिकारी ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी मशीन लगाई जाएगी। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए करीब एक लाख मतदान केंद्रों से लाइव प्रसारण किया जाएगी। सीईसी सुशील चंद्रा ने बताया कि 2017 के विधानसभा चुनाव में 61 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में इस राज्य में वोटिंग का प्रतिशत 59 फीसदी था। चंद्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग राजनीतिक रूप से काफी जागरूक हैं फिर भी मतदान प्रतिशत में यह कमी चिंता का विषय है। चुनाव अधिकारी ने बताया कि राज्य में मतदान सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक कराया जाएगा।
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इस बार बुजुर्ग वोटर घर से डाल सकेंगे वोट
चुनाव आयोग ने कहा कि इस बार बुजुर्ग एवं दिव्यांग वोटर को घर से मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। मतदाता अन्य आईडी कार्ड से भी वोट डाल सकेंगे। इस बार 800 महिला पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। चंद्रा ने बताया कि इस बार पांच लाख महिला मतदाता बढ़ी हैं।