नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही निर्वाचन क्षेत्रों में हर पात्र वोटर के पास भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र (Voter id card) होता है और वोटर का नाम मतदाता सूची में रजिस्टर्ड होता है। लेकिन कभी-कभी वोटर आईडी कार्ड तो होता है लेकिन वोटर लिस्ट में नाम नहीं होता है। ऐसे में आप लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी से वंचित रह जाते हैं। इसलिए आपको यह चेक करना चाहिए कि आपका नाम रजिस्टर्ड है या नहीं।
मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड होने के योग्य होने के लिए, व्यक्ति को पहले कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होता है। उसे भारत का नागरिक होना चाहिए। 1 जनवरी को 18 वर्ष या उससे अधिक का होना चाहिए (इस दिन मतदाता सूची में संशोधन किया जाता है)। व्यक्ति को भारत की मतदाता सूची या उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदान क्षेत्र में नाम रजिस्टर्ड किया जाता है, जहां वह रहता है।
भारत के चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट में नामों के साथ जारी किया गया मतदाता पहचान पत्र चुनाव में मतदान करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है। इसलिए यह जांचना जरूरी है कि चुनाव से पहले व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं। वोटर लिस्ट में नाम है या नहीं, यह पता लगाने के लिए सबसे पहले व्यक्ति इस प्रक्रिया का पालन कर सकता है:-
ऑनलाइन, फॉर्म 6 के रूप में निर्धारित आवेदन पत्र संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की वेबसाइट पर या भारत के चुनाव आयोग की वेबसाइट पर लॉग इन करके दाखिल किया जा सकता है। यहां भरे हुए फॉर्म के साथ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की प्रतियां भी अपलोड करनी हैं।