यूपी की चुनावी जमीन पर बीजेपी और विपक्षी एक दूसरे पर बयानों के तीर चला रहे हैं। मंगलवार के दिन यूपी के दो छोरों पर यानी की पूर्वी और पश्चिमी छोर पर बीजेपी के साथ साथ सपा और रालोद का गठबंधन एक दूसरे पर गरजा। गोरखपुर में फर्टिलाइजर कारखाने और एम्स की सौगात देने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि अगर सरकार डबल इंजन की हो और इरादे नेक हों तो लक्ष्य हासिल में आने वाले अवरोधों को भी रास्ता बदलना पड़ता है। तो मेरठ में जयंत चौधरी ने कहा कि हम और अखिलेश यादव यूपी को डबल इंजन वाली सरकार देंगे।
'पश्चिम में अस्त होगा बीजेपी का सूरज'
मेरठ के डबथुआ में परिवर्तन रैली में जयंत चौधरी ने कहा कि बीजेपी का सूरज पश्चिम में डूबने वाला है। इसके साथ यह भी कहा कि 2014 और 2017 के चुनाव में जिस तरह से सांप्रदाकियता का जहर घोलकर लोगों को एकदूसरे से अलग करने की कोशिश की गई थी वो चाल अब कामयाब होने वाली नहीं है। जनता के सामने जो दिक्कतें हैं, किसानों के सामने जो परेशानी है उसे बीजेपी की सरकार दूर करने में नाकाम रही है।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि 2022 का चुनाव राज्य के सभी दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 2022 के चुनाव का तात्कालिक नतीजा यह होगा के प्रदेश में किसकी सरकार बनने जा रही है तो दूसरी तरफ आम चुनाव 2024 की तस्वीर साफ होगी। जहां तक डबल इंजन सरकार की बात है तो इसे मुहावरे के तौर पर लेना चाहिए। इस तरह के शब्दों के जरिए नेता अपने कार्यकर्ताओं में जोश का संचार करते हैं।
जहां तक बीजेपी की बात है तो बीजेपी यह बताने की कोशिश करती है कि अगर वो इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो उसके पीछे कहने का आधार भी है, चाहे गोरखपुर का फर्टिलाइडर कारखाना हो, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे , गोरखपुर का एम्, बाणसागर परियोजना, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ,डिफेंस कॉरिडोर यह सब ऐसे काम हैं जो यूपी की धरातल पर उतर चुके हैं। ऐसे में सपा या रालोद के नेता इस डबल इंजन सरकार तो इस्तेमाल करेंगे तो लोगों को समझाना पड़ेगा कि हमने क्या किया था और आगे क्या करेंगे।