लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से तैयारियों में लगे हैं। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद के कंधों पर इन दिनों अपने वोट बैंक को सहेज कर 2022 में भाजपा की सरकार दोहराने की जिम्मेंदारी है, इसे लेकर वह पूरी तल्लनीता से लगे हैं।
न्यूज एजेंसी 'आईएएनएस' से एक विशेष वार्ता में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा कि भाजपा किसी भी चुनाव के लिए सदैव तैयार रहती है। उन्होंने दावा किया कि 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के आने वाले नतीजे में सपा, बसपा और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा की विजय सुनिश्चित है। उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी 2022 में विजय प्राप्त करते ही 2024 की तैयारी में लग जाएंगी। विपक्षियों का आरोप है कि अगर आप ने विकास किया है तो चुनाव धर्म के नाम पर क्यों हो रहा है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा विकास के नाम पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा के कार्यकाल में जितने भी लोकार्पण और शिलान्यास हुए हैं उसे सपा अपना बताती है। इसलिए सपा मुखिया अखिलेश यादव को चुनौती देता हूं कि जहां सबसे ज्यादा उन्होंने विकास किया वहां से चुनाव लड़ें।
उन्होंने कहा कि देश में विकास के सबसे बड़े बाधक अगर कोई मुख्यमंत्री रहे हैं तो वह अखिलेश यादव हैं। वह अब तक के सबसे असफल मुख्यमंत्री हुए हैं। उनके कार्यकाल में खूब दंगे हुए, पूरा यूपी त्राहि-त्राहि कर रहा था। आपको और योगी को भी चुनाव लड़ना पड़ रहा है, क्या पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है, इस सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों को चुनाव लड़ने से विरोधियों को घबराहट हो रही है। योगी जी गोरखपुर से लड़ रहे हैं। मुझे मेरी जन्मभूमि से पार्टी ने मौका दिया है। वर्ष 2017 में जिस प्रकार रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की थी, ठीक वैसे ही 2022 के चुनाव में हम लोग प्रचंड बहुमत से विजय हासिल करेंगें।
सभी चुनाव में जनता ने इन्हें धूल चटाया: डिप्टी सीएम
यह पूछने पर कि आप ने एक नारा दिया था 100 में साठ हमारा है। उसके बदले सपा की ओर से नया नारा गढ़ा गया है कि 100 में 85 हमारा है बांकी में बंटवारा हैं, इस पर केशव ने कहा कि यह नकल करने की कोशिश है। नकल करने वालों को पता होना चाहिए कि नकल के लिए अकल की जरूरत होती है। लेकिन ये लोग अकल तो गुंडों और दंगाइयों के यहां गिरवी रख आए हैं। इन सबने 2014, 2017 और 2019 में अकेले और गठबंधन करके देख लिया है। सभी चुनाव में जनता ने इन्हें धूल चटाया और यहां पर कमल का फूल खिलाया। दूसरे दलों से आये लोगों को प्रमुखता मिलने से पार्टी कार्यकतार्ओं में आई असहजता के सवाल पर उन्होंने कहा कि साल 2014 के पहले भाजपा के पास 50 विधायक और करीब 10 सांसद थे। लेकिन, 2014 में सांसदों की संख्या 10 से 73 हुई। इसी तरह 2017 के विधानसभा चुनाव में हम 325 तक पहुंचे। बहुत सारे दूसरे दलों के लोग भाजपा में आना चाहते हैं। उन्हें लाया जा रहा है। जो भी आ रहे हैं, सबको टिकट देने की बात नहीं है।
चुनाव में मुजफ्फरनगर के दंगों की बात करके धुव्रीकरण करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा विकास की राजनीति करती है। यूपी में हुए सात सौ दंगों को कौन भूल सकता है। राजनीति का अपराधीकरण करने वाले सपाइयों को कौन भूल सकता है। कैराना में अपराधियों के कारण लोगों को पलायन करना पड़ा वह कैसे भुलाया जा सकता है। कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध को कौन भूल सकता है। यहां ऐसी घटनाएं हैं जिसे ध्यान में रखकर सारा विषय आगे लाते हैं। हम विकास के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं और जीतेंगे। कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को फिर हराएंगे।
हमें जिसे टिकट देना नहीं उसका काट रहे हैं: मौर्य
विपक्ष का कहना है कि ओबीसी का सारा वोट बैंक हमारे पाले में आ गया है, इस मुद्दे पर केशव ने कहा कि भाजपा अगड़ा, पिछड़ा, दलित की त्रिवेणी है। हमें सभी का वोट मिल रहा है। यूपी की 24 करोड़ जनता 15 करोड़ से अधिक मतदाता भाजपा को पसंद करते हैं। हमारे मुद्दे हमारी विजय का आधार बनेगें। उनका इतिहास उनके परिणाम बनेंगे। सपा और रालोद ने अपराधियों और माफियाओं को टिकट दिया इसी कारण पहले के बाद दूसरी सूची आने में देर लग रही है। हमें जिसे टिकट देना नहीं उसका काट रहे हैं। जिसे देना हैं उसे दे रहे हैं। अखिलेश अपने परिवार को संभाल नहीं पा रहे हैं वह यूपी को क्या संभालेंगे। उन्होंने कहा कि हम जातिवाद के लिए काम नहीं करते हैं। हम लोग राष्ट्रवादी है। उनका राष्ट्रवाद एक धोखा है। इसका निर्णय जनता के अदालत के फैसले में आएगा। अभी तो यह ट्रेलर है पिक्चर 2022 के बाद आएगी जब यूपी दमकता हुआ चमकता हुआ और निखरता हुआ सामने आएगा।
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'सपा सरकार होती तो हजारों कारसेवकों का और बलिदान हो जाता'
अखिलेश के राममंदिर बनवाने के बयान पर केशव मौर्य ने कहा कि उनकी सरकार होती तो अब तक हजारों कारसेवकों का और बलिदान हो जाता। भाजपा का इतिहास रामभक्तों के लिए कुर्सी तक रामलला के चरणों में समर्पित करने वाला है। एक दूसरे सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस चुनाव के समय ही दिखाई देते है। उनका एक ही लक्ष्य है केवल चुनाव लड़ो और किसी भी तरह सत्ता हासिल करो। अगर सत्ता मिल गयी तो गुंडो, मफियाओं और दंगाइयों का संरक्षण करो। हमारी नीति है कि सत्ता में आने के बाद हमारी प्राथमिकता है उस गरीब तक पहुंचा जाए जो झोपड़ी में रह रहा है।