नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के लिए विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होना बाकी है, मीडिया रिपोर्टों की मानें तो चुनाव आयोग (Election Commission) 10 से 14 जनवरी के बीच इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है।
वहीं एक और भी जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि उत्तर प्रदेश में चुनावों के चरण की शुरुआत पश्चिमी यूपी के बजाए पूर्वी यूपी से किए जाने की मांग भी तेज हो रही है।
वहीं अगले साल जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें कोविड-19 के हालात का आकलन करने के कुछ दिन बाद निर्वाचन आयोग ने उनसे कोविड टीकाकरण अभियान को तेज करने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि चुनाव ड्यूटी पर लगाये गये लोगों ने दोनों खुराक लगवा रखी हों।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब के मुख्य सचिवों को लिखे हालिया पत्र में आयोग ने पांचों राज्यों को यह भी याद दिलाया कि मतदान कर्मी अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों में आते हैं और उन्हें कोविड टीके की तीसरी या अतिरिक्त खुराक दी जा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कुछ दिन पहले यह बात कही थी।
पत्र के हवाले से सूत्रों ने बताया कि आयोग ने कहा कि इन राज्यों में जिन चुनाव कर्मियों को तैनात किया जाता है उन्हें कोविड टीके की दोनों खुराक लगी होनी चाहिए और जो दूसरी खुराक के पात्र हों, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दूसरी खुराक लगवानी चाहिए।उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होगा, वहीं गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभाओं के कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त होने वाले हैं। आयोग इस महीने के पहले पखवाड़े में पांच राज्यों में चुनावों की तारीख का ऐलान कर सकता है।
आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ 27 दिसंबर को पांचों राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति का जायजा लिया था और सरकार से इन राज्यों में टीकाकरण कार्यक्रम तेज करने को कहा था।उसने कहा था कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और मणिपुर में ऐसे लोगों की संख्या का प्रतिशत अब भी कम है जिन्होंने टीके की पहली खुराक लगवा ली है।