UP Election Result 2022: लखीमपुर खीरी, हाथरस, उन्नाव, मुजफ्फरनगर में भाजपा का क्या है हाल, योगी के लिए थी सबसे बड़े चुनौती

UP Vidhan Sabha Chunav Result 2022, UP Election Result 2022 Today: पिछले 5 साल में ऐसे कई मौके आए, जब लगा कि योगी सरकार के लिए राजनीतिक रूप से बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। ऐसा भी लगा कि सरकार को इसका चुनाव में खामियाजा उठाना पड़ेगा।

UP Assembly Election 2022 result
पिछले 5 साल में कई मुद्दे योगी के लिए बने चुनौती  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • किसान आंदोलन की वजह से मुजफ्फरनगर सीट पर इस बार सबकी नजरें थीं, जो किसान नेता राकेश टिकैत का गृह जिला है
  • लखीमपुर खीरी की यह सीट 3 अक्टूबर 2021 को तिकुनियां गांव में हुए हादसे की वजह से चर्चा में रही, यहां केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर गंभीर आरोप लगे थे
  • साल 2020 में दलित लड़की के साथ रेप और उसकी हत्या का मामला काफी चर्चा में रहा था और इसलिए हाथरस भी सुर्खियों में रहा

UP Vidhan Sabha Chunav Result 2022, UP Election Result 2022 Today: मतगणना से साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की वापसी हो रही है और पार्टी मजबूती के साथ वापसी कर रही है। यह भी साफ हो गया है कि अखिलेश यादव जनता को योगी सरकार के लिए वोट देने के लिए समझा नहीं पाए। लेकिन पिछले 5 साल में ऐसे कई मौके आए, जब लगा कि योगी सरकार के लिए राजनीतिक रूप से बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। यही नहीं ऐसा भी लगा कि सरकार को इसका चुनाव में खामियाजा उठाना पड़ेगा। तो आइए उन घटनाओं और उन विधान सभा सीटों की चुनावी स्थिति के बारे में जानते हैं। कि वहां पर भाजपा को नुकसान हो रहा या फिर फायदा मिल रहा है...

मुजफ्फरनगर- जीत

किसान आंदोलन की वजह से मुजफ्फरनगर सीट पर इस बार सबकी नजर है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का यह गृह जिला है। उनका गांव सिसौली भी इसी जिले में आता है। किसान आंदोलन की रणनीति और महापंचायतों का  यह जिला गवाह रहा है। इस बार भाजपा  ने विधायक कपिल देव अग्रवाल पर फिर से भरोसा दिखाया, जिन्‍होंने यहां से जीत हासिल की है, जबकि सपा-रालोद गठबंधन ने सौरभ स्वरूप को प्रत्याशी बनाया था। उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस से पंडित सुबोध और बसपा से पुष्कर पाल यहां से चुनावी मैदान में रहे।  

निघासन - जीत

लखीमपुर खीरी की यह सीट 3 अक्टूबर 2021 को तिकुनियां गांव में हुए हादसे की वजह से चर्चा में रही। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के ऊपर आरोप है कि उन्होंने जानबूझ कर प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी थी, जिसके बाद हुई हिंसा में 4 किसान सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में इस सीट पर सबकी नजरें थीं। लखीमपुर खीरी से अजय मिश्र सांसद हैं और 2012 में वह निघासन से ही भाजपा के विधायक रह चुके हैं। 2017 में भी यह सीट भाजपा के पास थी। इस बार भाजपा ने शशांक वर्मा को उम्मीदवार बनाया, जिन्‍होंने यहां से जीत हासिल की। उन्हें सपा के आरएस कुशवाहा, बसपा के  मनमोहन मौर्य और कांग्रेस की ओर से टक्‍कर मिली। शशांक वर्मा पूर्व विधायक रामकुमार वर्मा के बेटे हैं। इस इलाके में ब्राह्मण वोट और ओबीसी मतदाता काफी अहम भूमिका में रहते हैं।

हाथरस - जीत

साल 2020 में दलित लड़की के साथ रेप और उसकी हत्या का मामला काफी चर्चा में रहा। यह मामला योगी सरकार के लिए गले की हड्डी बना गया था। अखिलेश यादव से लेकर प्रियंका गांधी इस मुद्दे को हर मौके पर उठाते रहे। हाथरस जिले की हाथरस सीट पर भाजपा की अंजुला माहौर ने जीत हासिल की है। सिकंदरा राऊ सीट से भाजपा के वीरेंद्र सिंह राणा ने जीत हासिल की है, जबकि सादाबाद सीट से आरएलडी प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह ने जीत हास‍िल की है।

बांगरमऊ- जीत

उन्नाव रेप कांड भी भाजपा के लिए गले की हड्डी बन गया था। पीड़िता ने भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था। उसके बाद कुलदीप सेंगर को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और जेल भी जाना पड़ा। यहां पर भाजपा के श्रीकांत कटियार ने जीत हासिल की है।

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