गोवा: विधानसभा चुनाव 2022 के बाद 5 राज्यों के नतीजे कई मायनों में दिलचस्प परिणाम लेकर आए हैं। एक बार फिर भाजपा जीत का परचम लहराती नजर आ रही हैं लेकिन सीटों की बरीकी से चुनाव परिणाम को देखने वाले लोगों को कई चटपटी और दिलचस्प बातें इन नतीजों में देखने को मिल सकती हैं। कई सीटों पर उम्मीदवारों के मुकाबले ने जनता का ध्यान आकर्षित किया और ऐसी ही एक सीट है-पणजी। जहां से भारतीय जनता पार्टी ने अतानासियो मोनसेराटे को टिकट दिया था जबकि उनके सामने थे पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर जोकि निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। भाजपा से उन्हें टिकट नहीं मिला था।
उत्पल चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हो सके और बहुत छोटे अंतर से अतानासियो मोनसेराटे से चुनाव हार गए। उत्पल पर्रिकर को 6000 से ज्यादा वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी के वोट का आंकड़ा 6700 से कुछ ज्यादा है। जीत और हार का अंतर बहुत बड़ा नहीं है लेकिन इस बीच जो ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि जीतने वाले भाजपा प्रत्याशी निराश दिख रहे हैं जबकि हारने वाले पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे उत्साहित और उम्मीद से भरे दिख रहे हैं।
जीते की ओर बढ़ते पणजी से बीजेपी उम्मीदवार अतानासियो मोनसेरेट ने कहा, 'मुझे लगता है कि बीजेपी कैडर ने मुझे पार्टी में स्वीकार नहीं किया है। मैं इसे इस तरह से देखता हूं। अगर उन्हें (उत्पल पर्रिकर को) इतने वोट मिल सकते हैं, तो यह सिर्फ इसलिए है क्योंकि कैडर ने अपना वोट उन्हें ट्रांसफर कर दिया है। बीजेपी नेतृत्व यहां डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाया।'
आगे उन्होंने कहा, 'जहां तक परिणाम की बात है तो निराशाजनक हैं। बीजेपी कैडर ने मेरे लिए नहीं बल्कि विपक्ष के उम्मीदवार के लिए काम किया। मैंने बीजेपी और कांग्रेस से लड़ाई लड़ी। यह कुछ कार्यकर्ताओं और समर्थकों के समर्थन के कारण है कि हम सीट बरकरार रखने में कामयाब रहे।'
वहीं दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर मतगणना केंद्र से निकलते हुए कहा, 'निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यह अच्छी लड़ाई थी, मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं। लड़ाई से संतुष्ट हूं लेकिन परिणाम थोड़ा निराशाजनक है।' यह खबर लिखे जाने के समय उत्पल पणजी में 713 मत से पीछे चल रहे हैं।
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बता दें कि गोवा में बीजेपी ने रुझानों में 17 सीटों पर बढ़त बनाई जबकि कांग्रेस 10 और आम आदमी पार्टी 3 सीटों पर आगे है।