नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनान में मिली करारी हार का ठीकरा अब मीडिया पर फोड़ दिया है। पार्टी ने इस चुनाव में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए महज एक सीट प्राप्त की है। चुनाव प्रचार और एग्जिट पोल आने तक सत्ता वापसी या बेहतर प्रदर्शन करने का दावा करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने प्रवक्ताओं के टीवी डिबेट में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है।
बसपा सुप्रीमा ने ट्वीट करते हुए कहा, ' यूपी विधानसभा आमचुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आक़ाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी। सलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता श्री सुधीन्द्र भदौरिया, श्री धर्मवीर चौधरी, डा. एम एच खान, श्री फैजान खान व श्रीमती सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।'
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बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसी बातें फैलायी गयीं कि बसपा, सपा के मुकाबले में कम मजबूती से चुनाव लड़ रही है, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है क्योंकि भाजपा से बसपा की लड़ाई राजनीतिक के साथ-साथ सैद्धांतिक और चुनावी भी है।
इससे पहले शुक्रवार को भी बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर मीडिया को जिम्मेदार ठहराया था। अब तक के अपने सबसे निचले प्रदर्शन पर आने के बाद मायावती ने शुक्रवार को "जातिवादी मीडिया" के आक्रामक प्रचार को दोषी ठहराते हुए कहा कि उसने मुसलमानों और भाजपा विरोधी मतदाताओं को दूर करने के लिए बसपा को "भाजपा की बी टीम" बताया। मायावती ने कहा, 'भाजपा को हराने के लिए मुस्लिम समाज ने बार-बार आजमाई हुई पार्टी बसपा पर भरोसा जताया है लेकिन इस बार मुस्लिम समाज का वोट सपा को चला गया। बसपा मुस्लिम समाज के इस रुख से सीख लेकर इस कड़वे अनुभव को खास ध्यान में रखकर अब अपनी रणनीति में बदलाव जरूर लाएगी।'
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