कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों क चलते चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक सभी तरह की रैलियों पर रोक लगा दी थी और सिर्फ वर्जुअल कैंपेन की इजाजत दी गई थी। निर्देशों के तहत, राजनीतिक दलों के कोई भी पद यात्रा, साइकिल यात्रा या रोड शो निकालने पर रोक है। अब इसकी समय सीमा आज पूरी हो रही है। इस पर आगे क्या फैसला करना है, क्या रोक जारी रहेगी या राजनीतिक दलों को रैली, रोड शो करने की छूट मिलेगी इसे लेकर आज चुनाव आयोग बैठक करेगा। इस बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि कोविड-19 की स्थिति के आलोक में पांच राज्यों में आगामी चुनावों के लिए प्रचार रैलियों पर प्रतिबंध हटाया जाए या नहीं।
वहीं इस रोक के बीच समाजवादी पार्टी ने लखनऊ में जमावड़ा किया और रैली की। चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया है। नेताओं पर कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ है। आयोग ने हजरतगंज इलाके के एसीपी और एसडीएम से जबाब मांगा है। समाजवादी पार्टी की वर्चुअल रैली के दौरान भीड़ जुटने पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। इस मामले में एसपी नेताओं व करीब ढाई हजार कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी है, इसके साथ ही इस मामले को लेकर इंस्पेक्टर को भी निलंबित किया गया है।
8 जनवरी को 5 राज्यों में चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि चुनाव प्रचार डिजिटल, वर्चुअल, मोबाइल के जरिए करें और फिजिकल प्रचार के पारंपरिक साधनों का इस्तेमाल कम से कम करें। आयोग ने साफ कहा कि रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक कोई प्रचार, जन संपर्क राजनीतिक पार्टियां नहीं कर सकेंगी। वहीं चुनाव में जीत के बाद कोई भी उम्मीदवार विजय जुलूस नहीं निकाल पाएंगे और विजय उम्मीदवार दो लोगों के साथ प्रमाण पत्र लेने जाएंगे। पार्टियों को तय जगहों पर ही सभा करने की अनुमति होगी। डोर टू डोर अभियान में अधिकतम 5 व्यक्तियों को अनुमति होगी।
अगर मतदाता कोविड पॉजिटिव हैं तो वो कैसे डालेंगे अपना वोट? चुनाव आयोग ने बताया