इंदौर (मध्यप्रदेश) : उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों का सियासी पारा चढ़ने के बीच कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि उनके चुनावी भाषणों में ‘हिंदू-मुसलमान’ और ‘हिंदुस्तान-पाकिस्तान’ जैसे विभाजनकारी मुद्दों के अलावा कुछ नहीं होता। सिंह ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘आप (मीडिया) योगी आदित्यनाथ के चुनावी भाषण सुन ही रहे हैं। क्या आपने उनके भाषणों में हिंदू-मुसलमान, हिंदुस्तान-पाकिस्तान और श्मशान-कब्रस्तान के अलावा कोई और शब्द सुना है?’
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी हमला करते हुए कहा कि जिस तरह दीमक घर या अन्य वस्तु की सतह के नीचे गुपचुप तरीके से लगकर उसे बर्बाद करती है, वैसे ही संघ भी गुपचुप तरीके से काम करते हुए पूरी व्यवस्था को बिगाड़ रहा है। सिंह ने कहा कि इस बात पर सबसे ज्यादा गालियां मैं खाऊंगा क्योंकि कहा जाएगा कि मैंने संघ की तुलना दीमक के साथ कर दी है। लेकिन मैंने संघ को नहीं, बल्कि उस विचारधारा के चरित्र को दीमक कहा है जो गुपचुप तरीके से देश की व्यवस्था बिगाड़ रही है।
इससे पहले, सांसद ने शहर में युवा कांग्रेस के एक कार्यक्रम में संघ के नेताओं को बहस की चुनौती देते हुए कहा कि तुम्हारा संगठन कहां है? तुम्हारा अस्तित्व कहां है? तुम्हारी पंजीकृत संस्था कहां है? ये लोग (संघ कार्यकर्ता) केवल गुपचुप तरीके से काम करते हैं। मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि क्या संघ ने कभी एक संगठन के रूप में धरना दिया है या किसानों व मजदूरों के समर्थन में आंदोलन किया है?
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि देश में लगातार दुष्प्रचार किया जा रहा है कि "हिंदू धर्म खतरे में है" ताकि फासीवादी विचारधारा को आगे ले जाया जा सके और इसके आधार पर राजनीतिक पद प्राप्त कर धन कमाया जा सके। सिंह ने कहा कि भारत में मुसलमानों और ईसाई अंग्रेजों के सैकड़ों साल राज में हिंदू धर्म को कभी खतरा नहीं हुआ। लेकिन मैं यह बात नहीं समझ पा रहा हूं कि आज जब देश में राष्ट्रपति से लेकर नीचे तक के सभी अहम पदों पर हिंदू आसीन हैं, तब हिंदू धर्म को खतरा कैसे हो सकता है?