प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए हरदोई में बीजेपी की चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी को घोर परिवारवादी करार देते हुए कहा कि ‘जो तुष्टिकरण की राजनीति में हमारे त्योहारों को रोकते थे उन्हें प्रदेश की जनता का जवाब 10 मार्च को मिल जाएगा।' पीएम मोदी ने जनसभा के शुरुआत में अवधी भाषा में कहा कि भक्त प्रहलाद की धरती पर हम सब लोगों के पांव छू रहे हैं और आपका यह जोश हम सभी लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद है।
अहमदाबाद ब्लास्ट के आरोपियों को कोर्ट द्वारा दी गई सजा का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आप सभी जानते हैं कि जब आतंकी हमला होता है, आतंकवाद बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान, गरीब को, मध्यम वर्ग को उठाना पड़ता है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तो उस दौरान अमदाबाद में भी सीरियल बम धमाके हुए थे। मैं उस दिन को कभी भूल नहीं सकता। उसी दिन मैंने संकल्प लिया था कि मेरी सरकार इन आतंकवादियों को पाताल से भी खोजकर सजा देगी। आपने देखा है, कुछ दिन पहले ही अमदाबाद बम धमाके के दोषियों को सजा मिली है। जो हम भारतीयों को तबाह करना चाहते थे, उन्हें अदालत ने सजा सुनाई है। अनेक आतंकवादियों को फांसी की सजा भी मिली है।'
ये भी पढ़ें: घोर परिवारवादी, बिजली नहीं बिजली का झटका देने के लिये बैठे हैं तैयार, पीएम नरेंद्र मोदी
इस दौरान समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने कहा, ' इतने वर्षों तक मैं इसलिए चुप रहा क्योंकि अहमदाबाद ब्लास्ट केस की सुनवाई चल रही थी। आज जब अदालत ने आतंकियों को सजा सुना दी है, तो मैं अब विषय को देश के सामने उठा रहा हूं। और मैं आज गुजरात पुलिस की भी प्रशंसा करूंगा कि उसके प्रयासों से आतंकियों के कई मॉड्यूल्स का खात्मा हुआ है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं का रवैया, और भी खतरनाक रहा है। ये लोग ओसामा जैसे आतंकवादी को जी कहकर बुलाते हैं। ये लोग बाटला हाउस इनकाउंटर में आतंकवादियों के सफाए पर आंसू बहाते हैं। ऐसे ही यूपी में एक दो नहीं बल्कि आतंकी हमलों के 14 मुकदमों में समाजवादी सरकार ने बहुत सारे आतंकवादियों से मुकदमे वापस लेने का फरमान सुना दिया था। ये लोग विस्फोट कर रहे थे, धमाके कर रहे थे और समाजवादी पार्टी सरकार इन आतंकवादियों पर मुकदमा तक नहीं चलने दे रही थी।'
कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पांच साल पहले माफियावादियों ने यूपी का क्या हाल बना दिया था, व्यापारियों को व्यापार करने में डर लगता था, राहजनी, छिनैती, लूट आम बात हो गई थी। लोग कहते थे कि दिया बरे, घर लौट आओ। हरदोई वालों ने वो दिन देखे हैं कि कैसे इन लोगों ने कट्टा और सट़टा वालों को खुली छूट दे रखी थी। हमारी माताएं परेशान रहती थीं कि बेटे बेटी घर से निकले हैं तो शाम को सुरक्षित घर लौट आएं, कोई दुर्घटना उनके साथ न हो जाए, अपराधियों को इन घोर परिवारवादियों को पूरा संरक्षण होता था लेकिन हरदोई की जनता देख रही है कि आज कैसे सबका हिसाब हो रहा है।’
आपको बता दें कि सात चरणों में चल रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में हरदोई समेत नौ जिलों की 59 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है।
सिख प्रतिनिधिमंडल ने पीएम नरेंद्र मोदी से की मुलाकात, बैठक को बताया गैर राजनीतिक