कोरोना महामारी के मद्देनजर 5 राज्यों में अपनी किस्मत आजमा रहीं राजनीतिक पार्टियों के लिए खुशखबरी आयी है। सरकारी संचार माध्यम दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर अब राजनीतिक पार्टियां दोगुना समय अपना प्रचार कर सकेंगी। आम चुनाव या किसी भी राज्य के विधानसभा चुनावों के दौरान राष्ट्रीय दलों और मान्यताप्राप्त क्षेत्रीय दलों को दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर अपनी पार्टी का पक्ष रखने का मौका मिलता है। इस साल गोवा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हैं।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब में दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के प्रादेशिक केंद्रों पर राजनीतिक दलों को ये सुविधा मिलेगी। कुल 90 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। इस डेढ़ घंटे के अलावा बाकी समय पार्टियों को पिछले विधानसभा चुनाव में उनके प्रदर्शन के आधार पर अतिरिक्त समय दिया गया है। एक बार में एक पार्टी ज्यादा से ज्यादा 30 मिनट अपना पक्ष या चुनावी घोषणा रख पाएगी। चुनाव आयोग की सलाह से प्रसार भारती ब्रॉडकास्ट/टेलीकास्ट का दिन तय करेगी। इसके अलावा पार्टियों को ट्रांसक्रिप्ट और रिकॉर्डिंग पहले से जमा करानी होगी। इस अतिरिक्त समय के अलावा दूरदर्शन और रेडियो पर चार पैनल डिस्कशन भी आयोजित किये जायेंगे।
ये हैं दूरदर्शन और रेडियो पर प्रचार के नियम: दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर प्रचार के दौरान कोई भी राजनीतिक दल ऐसा कुछ भी नहीं कह सकेंगे जो...
भारत में चुनाव के लिए यह अभूतपूर्व समय है जब पहली बार कोरोना वायरस हुए चुनाव प्रचार के लिए बड़ी रैलियों पर रोक लगा दी गई है आगामी समय में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से ज्यादा से ज्यादा डिजिटल माध्यमों से प्रचार करने का निर्देश दिया है हालांकि सभी राजनीतिक दलों पर बराबर संसाधन ना होने की वजह से यह मांग उठती रही कि चुनाव आयोग को उनके लिए 'लेवल प्लेयिंग फील्ड' तैयार करना चाहिए। इसी को देखते हुए प्रसार भारती से चर्चा करने के बाद चुनाव आयोग ने दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार का समय दोगुना कर दिया है। दूरदर्शन पर राजनीतिक दलों के प्रचार की शुरुआत सबसे पहले 1998 के लोकसभा चुनाव में हुई थी।