नई दिल्ली: पंजाब में चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। ऐसे में राजनीतिक दल जीत के लिए सभी तरीके अपना रहे हैं। इसी कवायद में पंजाब चुनाव में अब नेताओं के बेटियों की भी एंट्री हो गई है। चाहे केजरीवाल हो या फिर नवजोत सिंह सिद्धू या फिर सुखबीर बादल सभी की बेटियां चुनाव प्रचार में उतर गई हैं। ये बेटियां न केवल प्रचार के लिए अपने पिता की मदद कर रही हैं। बल्कि ज्यादा से ज्यादा जीत के लिए वोटरों से अपील भी कर रही है। वोटरों को रिझाने के लिए ये बेटियां इमोशनल कार्ड से भी परहेज नहीं कर रही है। नवजोत सिंह सिद्धू की बेटी राबिया सिद्धू ने तो एक रैली में यहां तक कह दिया है कि जब तक उनके पिता जीतेंगे नहीं, तब तक शादी नहीं करेंगी। नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
महिलाएं तय करती हैं पंजाब का सरदार
पंजाब की राजनीति में महिलाओं की भूमिका हमेशा आगे रहती हैं। राज्य में एक करोड़ से ज्यादा महिला आबादी है। और वोटिंग में भी वह बढ़-चढ़ कर भाग लेती हैं। 2017 के चुनवाों में 79 फीसदी से ज्यादा महिलाओं ने वोट डाला था। इसी तरह 2012 में भी करीब 79 फीसदी महिलाओं ने वोटिंग की थी। ऐसे में राजनीतिक दलों को लगता है कि उनकी पत्नियां और बेटियां वोटरों को लुभाने में बड़ा फैक्टर साबित हो सकती हैं।
इसीलिए कांग्रेस पार्टी ने पंजाब में महिलाओं को प्रति माह 2,000 रुपये और एक साल में 8 रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सभी महिलाओं के खातों में हर महीने 1,000 रुपए देने का वादा किया है। और बुजुर्ग महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन में 1,000 रुपये की बढ़ोतरी का भी वादा किया है। जबकि अकाली दल ने हाउसवाइफ को घर खर्च के लिए 2000 रुपये प्रति महीना देने का वादा किया है। इसके अलावा नौकरी में 50 प्रतिशत का आरक्षण का भी वादा किया है।
केजरीवाल की बेटी पापा के काम का दे रही हैं वास्ता
आईआईटी से ग्रैजुएट 26 साल की हर्षिता केजरीवाल चुनाव प्रचार में अपनी मां सुनीता केजरीवाल के साथ चुनावी सभा में पहुंच रही हैं। वह अपने भाषण की शुरूआत सत श्री अकाल से कई जगह करती नजर आई हैं। वह प्रमुख रूप से युवाओं को आम आदमी पार्टी को वोट देने के लिए अपील कर रही हैं। उनका दावा है कि आम आदमी ऐसी पार्टी है जो छात्रों के हितों के बारे में सोचती है। साथ ही वह दिल्ली में उनके पिता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए कामों को भी गिनाने से नहीं चूक रही हैं। खास तौर से शिक्षा के स्तर पर किए गए कामों का वह सिलसिलेवार ब्यौरा दे रही हैं। वह युवाओं को लुभाने के लिए यह भी संदेश दे रही है उनके बहुत से दोस्त बढ़िया नौकरी के लिए विदेश चले गिए लेकिन उन्होंने पिता से सीखा है कि देश में ही रहकर देश की सेवा करनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने एक रैली में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत सिंह मान को अपना चाचा भी कहा है। उन्होंने कहा कि मैं अपने चाचा के लिए यहां आई हूं।
सिद्धू की बेटी ने खाई है कसम
इस चुनाव में सबसे ज्यादा आक्रामक रूप से अगर कोई परिवार चुनाव प्रचार कर रहा है, तो वह नवजोत सिंह सिद्धू का परिवार है। उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू और बेटी राबिया सिद्धू अमृतसर (पूर्व) सीट पर उनकी जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सिद्धू की बेटी इसके पहले भी चुनाव प्रचार कर चुकी है। उनके बयानों से आक्रमकता दिख रही है। वह कहती हैं कि उनके पिता एक बड़ी जंग लड़ रहे हैं । एक सभा में उन्होंने यहां तक कहा कि जब मेरे पिताजी नहीं जीतेंगे मैं शादी नहीं करूंगी।
वैसे तो अमृतसर पूर्व सीट सिद्धू की परंपरागत सीट है लेकिन इस बार अकाली दल ने उन्हें घेरने के लिए अकाली दल के कद्दावर नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को मैदान में उतार दिया है। इसलिए सिद्धू के लिए चुनौती बड़ी हो गई है। खास तौर पर से जब सिद्धू कांग्रेस पार्टी के लिए पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
सुखबीर बादल की बेटी ने संभाली कमान
इस बार अकाली दल (बादल ) बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है। और गठबंधन ने सुखबीर सिंह बादल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। सुखबीर सिंह बाद जलालाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन उनका फोकस पूरे राज्य पर है। ऐसे में उनकी बड़ी बेटी हरकीत कौर ने जलालाबाद में कमान संभाल ली है।