चंडीगढ़ : पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों के लिए मतदान संपन्न हो गया है। इसके साथ ही 1,304 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला EVM में बंद हो गया है। इस चुनाव में किसे जीत, किसे हार मिली, इसका फैसला 10 मार्च को ही होगा, जब चुनाव परिणामों का ऐलान होगा। लेकिन इस बार पंजाब की सियासत में मुकाबला बहुपक्षीय नजर आ रहा है, जिसमें कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी, बीजेपी, शिरोमणि अकाली दल भी मुकाबले में हैं।
पंजाब में शाम 5 बजे तक 63.44 प्रतिशत वोट डाले गए। मतदान की प्रक्रिया सुबह 6 बजे से ही शुरू हो गई थी, जो शाम 7 बजे तक जारी रही। कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान आम तौर पर शांतिपूर्ण रहा। उन सभी मतदाताओं को शाम 6 बजे के बाद भी वोट डालने दिया गया, जो इस समय तक मतदान केंद्रों पर पहुंच चुके थे। अंतिम मतदान प्रतिशत बाद में आंकड़ों के संकलन के बाद पता चलेगा। लेकिन 2017 की बात करें तो उस वक्त पंजाब विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 77.4 फीसदी रहा था।
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पंजाब में निष्पक्ष, पारदर्शी व सुचारु मतदान प्रक्रिया के लिए सुरक्षा सहित तमाम इंतमाज किए गए थे। राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 700 कंपनियों को तैनात किया गया था। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. एस करुणा राजू ने बताया कि राज्य में दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, ताकि वोटिंग के दौरान उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
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पंजाब में इस बार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), शिरोमणि अकाली दल (शिअद)- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- पंजाब लोक कांग्रेस (PLC)-शिअद (संयुक्त) गठबंधन और विभिन्न किसान संगठनों की राजनीतिक इकाई 'संयुक्त समाज मोर्चा' के बीच बहुकोणीय मुकाबला है। चुनाव लड़ रहे चर्चित चेहरों में पंजाब के निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ-साथ कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल, शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और आप की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा भगवंत मान भी शामिल हैं।