Bhagwant Mann Swearing-in date : पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। भगवंत मान ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में दिल्ली के सीएम से उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होंने केजरीवाल के पैर छुए और आशीर्वाद मांगा। केजरीवाल ने ट्वीट किया कि मेरा छोटा भाई भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। आज वे शपथ ग्रहण का न्यौता देने मेरे घर आए। मुझे पूरा भरोसा है कि भगवंत एक मुख्यमंत्री के तौर पर पंजाब के लोगों की हर उम्मीद को पूरा करेंगे।
भगवंत मान 16 मार्च को सीएम पद की शपथ लेंगे। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आमंत्रित किया। वह दिल्ली के सीएम और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ 13 मार्च को अमृतसर में रोड शो भी करेंगे। मान ने पहले कहा था कि शपथ ग्रहण समारोह की तारीख की घोषणा आज शाम तक की जाएगी। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री ने खरीद-फरोख्त की राजनीति पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि हम अपनी विधायक दल की बैठक कभी भी बुला सकते हैं। हमें जल्दी या चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे विधायक ईमानदार हैं, वे दूसरे राज्यों में नहीं भाग रहे हैं।
पंजाब विधानसभा चुनाव में आप ने 117 सदस्यीय विधानसभा में तीन-चौथाई बहुमत के साथ राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए 92 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की थी। पंजाब चुनाव में, सत्तारूढ़ कांग्रेस 18 सीटें हासिल करने में सफल रही, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दो सीटों के साथ समाप्त हुई। शिरोमणि अकाली दल (SAD) को 3 सीटें मिलीं, जबकि बहुजन समाज पार्टी 1 सीट जीतने में सफल रही।
पंजाब में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और शिअद (संयुक्त) के गठबंधन के साथ बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिला। कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी, प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू सभी आप उम्मीदवारों से हार गए।
2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 77 सीटें जीतीं, जबकि शिरोमणि अकाली दल केवल 15 सीटें जीत सका था। बीजेपी ने तीन और निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो सीटें जीतीं थी। आप 20 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
(पुलकित नागर की रिपोर्ट)