Yogi Minister Department:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में 52 मंत्रियों के मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया है। मंत्रालयों के बंटवारे से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए कई मंत्री राजनीतिक लिहाज से बेहद अहम होने वाले हैं। उनके विभाग का प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की चुनावी नैया पार करने में अहम भूमिका निभाएगा। तो आइए जानते हैं कि उन मंत्रियों के बारे में जिनके पास बेहद अहम मंत्रालय हैं..
केशव प्रसाद मौर्य
हार के बावजूद उप मुख्यमंत्री बने केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्रामीण विकास जैसा अहम विभाग सौंपा है। इस विभाग के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मनरेगा जैसी अहम योजनाएं आती हैं।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जीत की एक बड़ी वजह ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना का बेहतर क्रियान्वन , कोविड-19 के तहत मनरेगा में रोजगार के अवसर और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास रहा है। इसे देखते हुए केशव प्रसाद मौर्य का अच्छा प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की राह आसान कर सकता है।
बृजेश पाठक
इस बार दिनेश शर्मा की जगह उप मुख्यमंत्री बनाए गए बृजेश पाठक को स्वास्थ्य मंत्रालय और चिकित्सा शिक्षा की अहम जिम्मेदारी मिली है। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कोविड-19 दौर में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच चुनौती बनी थी। इसी का परिणाम है कि इस बार योगी सरकार के पहले दौर में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। जून में चौथी लहर का आशंका और चीन के कई शहरों में फिर से लगे लॉकडाउन के बीच कोविड टीकाकरण की बृजेश पाठक के पास अहम जिम्मेदारी रहेगी। इसके अलावा प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का वादा और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने जैसे अहम काम उनके पास होंगे।
स्वतंत्र देव सिंह
स्वतंत्र देव सिंह की एक बार फिर से मंत्रिमंडल में वापसी हुई है। बुंदेलखंड से आने वाले स्वतंत्र देव सिंह के पास जल शक्ति, सिंचाई, नमामि गंगे, बाढ़ नियंत्रण जैसे विभाग हैं। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के लिए कई अहम वादे किए हैं। जिसमें सिंचाई व्यवस्था बेहतर करने से मुफ्त बिजली तक के वादे हैं। इसके साथ ही नमामि गंगे योजना और मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जैसी योजनाओं की सफलता की जिम्मेदारी भी स्वतंत्र देव सिंह के ऊपर होगी।
अरविंद कुमार शर्मा
गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा के पास शहरी विकास, नगर विकास, नगरीय रोजगार, गरीबी उन्मूलन जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी है। ऐसे में कोविड-19 दौर में बढ़ी बेरोजगारी और लोगों की घटी आय को पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती अरविंद कुमार शर्मा के ऊपर है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की सफलता भी उनके कंधों पर होगी। इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय भी उनके पास है। जिसकी सफलता उत्तर प्रदेश को नंबर वन अर्थव्यवस्था बनाने वाले लक्ष्य को पूरा करने में बहुत हद तक निर्भर करेगी।
लक्ष्मी नारायण चौधरी, सूर्य प्रताप शाही
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले लक्ष्मी नारायण चौधरी के पास गन्ना विकास एवं चीनी मिलें मंत्रालय की जिम्मेदारी है। किसान आंदोलन में एक प्रमुख मुद्दा गन्ना भुगतान का भी रहा है। ऐसे में समय पर गन्ना भुगतान और देरी पर ब्याज के साथ भुगतान के वादे की जिम्मेदारी लक्ष्मी नारायण चौधरी पर रहेगी। इसके अलावा वरिष्ठ नेता सूर्य प्रताश शाही के पास कृषि मंत्रालय है। जो किसानों की डबल इनकम से लेकर किसान सम्मान निधि जैसी स्कीम के बेहतर क्रियान्वन की जिम्मेदारी निभाएंगे।
नन्द गोपाल गुप्ता और राकेश सचान
योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को देश की नंबर वन अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने में नन्द गोपाल गुप्ता और राकेश सचान जैसी मंत्रियों की अहम भूमिका रहेगी। नन्द गोपाल गुप्ता के पास औद्योगिक विकास और निर्यात प्रोत्साहन जैसे मंत्रालय हैं तो राकेश सचान के पास एमएसएमई,हथकरघा और वस्त्रोद्योग मंत्रालय है। जो प्रदेश में कारोबारियों की राह आसान कर रोजगार के नए अवसर से लेकर अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
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