केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के कैराना में डोर टू डोर कैंपेन किया। वो घर-घर जाकर लोगों से मिले और उन्हें पार्टी के कामों के बारे में बताने वाले पर्चे सौंपे। अमित शाह ने कहा कि जनवरी 2014 के बाद कैराना आया हूं, यहां के लोग पलायन करते थे। अब लोगों का कहना है कि पलायन कराने वालों का पलायन हुआ है। अब कैराना में कोई भय नहीं है। मोदी जी ने जिन योजनाओं को लागू किया, योगी जी ने उन्हें जमीन तक उतारने का काम किया है। यूपी में तुष्टिकरण, जाति, वंशवाद की राजनीति करने वालों को रोकना है। 2014 के बाद पीएम मोदी ने यूपी के विकास की धुरी अपने हाथ में ली। 2017 में यहां भाजपा सरकार बनने के बाद, योगी आदित्यनाथ सीएम बने और विकास को और गति दी।
शाह ने कहा कि आज मैंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना से कोविड की आचार संहिता के कारण घर-घर जाकर यहां से हमारी प्रत्याशी मृगांका सिंह के प्रचार की शुरुआत की है। कैराना में आज का माहौल देखकर हृदय को बहुत शांति मिलती है। 2017 के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में आज विकास की एक लहर दिखती है। ये जो आत्मविश्वास उत्तर प्रदेश की जनता में मैं देख रहा हूं, मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश भारत का सबसे विकसित राज्य बनने जा रहा है। सपा के कुशासन में कैराना से पलायन कर गए लोगों से मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि योगी जी ने कानून व्यवस्था को सुधारा है। हमें पलायन कराने वालों का आज खुद पलायन हो गया है। आज अभी मैं मित्तल परिवार के साथ बैठा था, एक समय इनकों भी पलायन करना पड़ा था। बड़े आराम से परिवार के सभी सदस्य मेरे साथ बैठे और उन्होंने बताया कि अब हमें कोई भय नहीं है, सब शांति से यहां अपना व्यापार और कारोबार कर रहे हैं। अगर उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को बरकरार रखना है, यहां से तुष्टिकरण को समाप्त करना है, जाति विशेष के लिए काम करने वाली सरकार की प्रथाओं को समाप्त करना है, यूपी में एक बार फिर योगी जी के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार बनानी है।
शाह का कैराना जाने का बड़ा राजनीतिक महत्व भी है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कैराना से तत्कालीन सांसद दिवंगत हुकुम सिंह ने यहां से हिन्दुओं के पलायन का मुद्दा उठाया था।
कैराना वही जगह है, जहां हिंदू पलायन का मुद्दा देश की सुर्खियां बना था। अमित शाह ने पलायन पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की। कैराना अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है। आरोप लगे थे कि मुसलमानों के बढ़ते आतंक की वजह से कैराना के हिंदू अपना घर बेचने के लिए मजबूर हो गए थे। बीजेपी नेता हुकुम सिंह ने लिस्ट जारी कर कैराना से हिंदुओं के पलायन को मुद्दा बनाया था। इसके बाद बीजेपी ने इसे पिछले चुनाव में मुद्दा बनाया था और इसके जरिए बीजेपी के पक्ष में वोटों का ध्रुवीकरण हुआ था।
कैराना से बीजेपी ने पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को मैदान में उतारा है। हालांकि वो पिछली बार चुनाव हार गई थीं, लेकिन पार्टी ने एक बार फिर मृगांका सिंह पर भरोसा जताया है।
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