UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अब पांचवें चरण (UP Fifth Phase Election)में पहुंच चुका है। इस चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर रविवार को मतदान हो रहा है। यह चरण कई मायने में खास है। यूपी चुनाव का यह ऐसा चरण है जहां एक साथ कई दिग्गज मैदान में हैं। इस चरण में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया), कृष्णा पटेल, संजय सिंह, योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह सहित कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला आज होगा।
इन जिलों में होंगे चुनाव
पांचवें चरण में अयोध्या, प्रयागराज, सुलतानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशांबी, बाराबंकी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, अमेठी और रायबरेली जिलों की 61 सीटों पर मतदान हो रहा है। पांचवें चरण में 693 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 2017 में भाजपा ने 61 सीटों में से 47 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। जबकि समाजवादी पार्टी को पांच सीटें मिली थीं। वहीं बसपा का तीन सीटों पर जीत हासिल हुई थी। जबकि दो सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीती थीं। वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में आई थी।
दिग्गजों का दंगल
पांचवा चरण दिग्गजों का दंगल है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रतापगढ़ के सिराथू से मैदान में हैं। इसके अलावा प्रतापगढ़ से अपना दल की कृष्णा पटेल, अमेठी से संजय सिंह , प्रयागराज जिले की पश्चिम सीट से सिद्धार्थ नाथ सिंह , प्रयागराज की दक्षिण सीट से मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी , चित्रकूट सीट से राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय और गोंडा सदर से ब्रजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण चुनावी मैदान में हैं।
ये हैं हॉट सीट
अयोध्या
यूपी चुनाव में सबकी नजर अयोध्या सीट पर है। एक समय तो यहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी। हालांकि, बाद में भाजपा ने यहां फिर से वेद प्रकाश गुप्ता को मैदान में उतारा है। सपा गठबंधन ने पूर्व मंत्री तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय पर भरोसा जताया है। वहीं बसपा ने रवि मौर्या और कांग्रेस ने रीता मौर्या को टिकट दिया है। 2017 में यह सीट भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता ने जीती थी। अयोध्या सीट पर ब्राह्मण और बनिया वोटरों की सबसे ज्यादा संख्या है। इसके बाद दलित, मु्स्लिम और यादव मतदाता असर डालते हैं।
सिराथू
कौशांबी जिले की सिराथू सीट पांचवे चरण की सबसे हॉट सीटों में से एक है। यहां से प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मैदान में हैं। जबकि समाजवादी पार्टी ने कैबिनेट मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल को टिकट दिया है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने मुनसब अली और कांग्रेस ने सीमा देवी को उम्मीदवार बनाया है। 2017 में यह सीट भाजपा के शीतला प्रसाद ने जीती थी। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम चेहरे के तौर पर मुनसब अली और कांग्रेस ने सीमा देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है। 2017 में यह सीट भाजपा के शीतला प्रसाद ने जीती थी।
कुंडा
यहां से बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया फिर से मैदान में हैं। वह 1993 से लगातार यहां से जीत हासिल करते आए हैं। पिछले बार वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत कर आए थे। इस बार वह जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) पार्टी से उम्मीदवार है। सपा गठबंधन ने कभी राजा भैया के खास रहे गुलशन यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि भाजपा ने सिंधुजा मिश्रा और बसपा ने मोहम्मद फहीम को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने योगेश कुमार को मैदान में उतार है।
अमेठी
कांग्रेस परिवार का गढ़ रही और स्थानीय रियासत के प्रभाव में रही अमेठी सीट हमेशा से चर्चा में रही है। इस बार यहां से भाजपा ने अमेठी रियासत के डॉ. संजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। संजय सिंह करीब 33 साल बाद चुनाव लड़ रहे हैं। वह राजीव गांधी के बेहद करीबी रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महराजी प्रजापति को मैदान में उतारा है। जबकि बसपा ने रागिनी तिवारी और कांग्रेस ने आशीष शुक्ला को टिकट दिया है।
इलाहाबाद पश्चिम
योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह इलाहाबाद पश्चिम सीट से एक बार फिर मैदान में हैं। उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुकी ऋचा सिंह को मैदान में उतारा है। जबकि बसपा ने गुलाम कादिर और कांग्रेस ने तसलीमउद्दीन को मैदार में उतारा है। 2017 में यहां से भाजपा के सिद्धार्थ नाथ सिंह चुनाव जीते थे।
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