UP Chunav Election Rallies:उत्तर प्रदेश में संडे को तीसरे चरण के चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब चौथे चरण शुरू होने वाला है। इस चुनावी रण में अयोध्या समेत अवध की कुछ सीटें बेहद अहम मानी जा रहीं है जहां से कई दिग्गज नेता चुनावी मैदान में है, इसे लेकर कोई भी पार्टी प्रचार में पीछे नहीं रहना चाहती वहीं चौथे फेज के चुनाव के लिए आज प्रचार का अंतिम दिन है।
चौथे चरण में नौ जिलों की 60 सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होना है। इस चरण में कुल 624 उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी राजनीतिक दल और जनता चौथे चरण की वोटिंग के लिए तैयारियां कर रही है। यूपी विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में लखनऊ सहित 9 जिलों में 23 फरवरी को वोटिंग होगी।
गौर हो कि पिछले चुनाव में बीजेपी ने इस इलाके से बड़ी बाजी मारी थी। चौथे चरण के मतदान में उम्मीदवारों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कई मंत्रियों की भी परीक्षा होगी।
इस चरण में जिन जिलों में वोट डाले जा रहे हैं, वहां से केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के चार मंत्री आते हैं
सबसे कद्दावर नेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का, जिनका संसदीय क्षेत्र लखनऊ है। दूसरा नाम है महिला एवं बल विकास मंत्री स्मृति ईरानी का, जिनका संसदीय क्षेत्र अमेठी है। इसके अलावा वरिष्ठ नेता व मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर और लखीमपुर से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इलाकों में भी चौथे चरण में मतदान होना है।
इन चारों के इलाकों में विधानसभा की 21 सीटें हैं
इसलिए ये इनके लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं। यूपी में इस बार के विधानसभा चुनाव में जुबानी जंग भले ही सबसे ज्यादा अखिलेश और बीजेपी में छिड़ी हो, लेकिन चौथे चरण में बीएसपी फैक्टर को कमजोर नहीं आंका जा सकता क्योंकि अवध के इलाके में बीएसपी का एक बड़ा वोट बैंक है। बीएसपी के वोटर को इस बार साइलेंट माना जा रहा है।
चुनाव कहीं भी हों राम मंदिर भारतीय राजनीति का सदाबहार मुद्दा है
बीजेपी ने इसकी शुरूआत अपने लकी चार्म राम मंदिर के साथ की है। वैसे तो चुनाव कहीं भी हों राम मंदिर भारतीय राजनीति का सदाबहार मुद्दा है, लेकिन जब चुनाव अवध का हो तो इस मुद्दे का शोर और भी बुलंद हो उठता है। बीजेपी के तो सक्सेज स्टोरी की नींव ही राम मंदिर है। इस बार तो प्रदेश में भव्य राम मंदिर बनने की शुरूआत भी कर दी गई है, इसलिए अवध में चुनाव पहुंचने के साथ ही भाजपा ने राम नाम का नारा तेज कर दिया है।
यूपी में केवल अवध प्रांत में कुल 21 जिले हैं, जिसके अंदर 118 सीटें
इन सीटों के लिए राजनीतिक दल खासी मशक्कत कर रहे हैं। इन सीटों पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर भाजपा को पछाड़ कर आगे निकलने की चुनौती है। यहीं वो दो चरण हैं जिनमें भाजपा ने पिछड़े चुनाव में रिकार्ड जीत दर्ज की थी। भाजपा को इन दोनों चरणों में 99 सीटें मिली थीं।
इन सीटों पर होने हैं चुनाव
चौथे चरण में जिन सीटों पर चुनाव है उनमें -पीलीभीत, बरखेड़ा, पूरनपुर (सुरक्षित), बीसलपुर, पलिया, निघासन, गोला गोकरननाथ, श्रीनगर (सुरक्षित), धौरहरा, लखीमपुर, कस्ता (सुरक्षित), मोहम्मदी, महोली, सीतापुर, हरगांव (सुरक्षित), लहरपुर, बिसवां, सेवता, महमूदाबाद, सिधौली (सुरक्षित), मिश्रिख (सुरक्षित), सवायजपुर, शाहाबाद, हरदोई, गोपामऊ (सुरक्षित), सांडी (सुरक्षित), बिलग्राम-मल्लांवा, बालामऊ (सुरक्षित), संडीला, बांगरमऊ, सफीपुर (सुरक्षित), मोहान (सुरक्षित), उन्नाव, भगवंतनगर, पुरवा, मलिहाबाद (सुरक्षित), बक्शी का तालाब, सरोजनीनगर, लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य, लखनऊ कैंटोनमेंट, मोहनलालगंज (सुरक्षित), बछरांवा (सुरक्षित), हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी, ऊंचाहार, तिंदवारी, बबेरू, नरैनी (सुरक्षित), बांदा, जहानाबाद, बिंदकी, फतेहपुर, अयाहशाह, हुसैनगंज व खागा (सुरक्षित) सीट शामिल है।