25 मार्च को योगी आदित्यनाथ सरकार शपथ लेने वाली है। यह शपथग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि 37 वर्ष बाद किसी एक दल को एक बार फिर सरकार बनाने का मौका मिला है। 125 विधायकों के साथ सपा गठबंधन को विपक्ष में बैठना होगा और उसके साथ ही सिर्फ एक विधायक के साथ बीएसपी भी सदन में मौजूदगी दर्ज कराएगी। चुनावी हार के बाद बीएसपी, एसपी समीक्षा कर रहे हैं कि आखिर हार की वजह क्या रही। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का मानना है बीएसपी, बीजेपी की बी टीम रही और उसका असर समाजवादी पार्टी के नतीजों पर पड़ा। लेकिन मायावती ने ट्वीट के जरिए अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
मायावती ने साधा निशाना
बीजेपी से, बीएसपी नहीं बल्कि सपा संरक्षक श्री मुलायम सिंह खुलकर मिले हैं जिन्होंने बीजेपी के पिछले हुये शपथ में, श्री अखिलेश को बीजेपी से आर्शीवाद भी दिलाया है और अब अपने काम के लिए एक सदस्य को बीजेपी में भेज दिया है। यह जग-जाहिर है।यू.पी. में अम्बेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया श्री अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे, जिसने, अपनी सरकार में इनके नाम से बनी योजनाओं व संस्थानों आदि के नाम अधिकांश बदल दिये है। जो अति निन्दनीय व शर्मनाक भी है।
यूपी के नतीजों से हर किसी को हैरानी बीएसपी के प्रदर्शन से हुई। बीएसपी के खाते में महज एक सीट आई और वोट प्रतिशत में भी काफी कमी आई। यही वो बिंदु है जिस पर समाजवादी पार्टी बीएसपी पर हमलावर है। समाजवादी पार्टी के नेता बार बार कह रहे हैं कि बीएसपी सुप्रीमों वे अपने वोट को बीजेपी में ट्रांसफर करा दिया और उसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब हुई। समाजवादी पार्टी के दावों पर जानकार कहते हैं कि यह तो अपनी नाकामी को छिपाने की बात है। अगर बीजेपी ने बीएसपी के वोट में सेंध लगाई है तो यह विचार का विषय दोनों दलों के लिए है।
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पूर्वांचल एक्सप्रेस से लगे जिलों में बीजेपी का प्रदर्शन खराब
बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों में बीजेपी को पिछली बार की तुलना में कम सीट हासिल हुई है लेकिन कमी होने के बावजूद बीजेपी अकेल दम पर भी सरकार बनाने में सक्षम है। लेकिन अगर नतीजों को देखें तो पूर्वांचल एक्सप्रेस से लगने वाले जिलों में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। आजमगढ़, गाजीपुर और अंबेडकरनगर में बीजेपी को शून्य सीटें मिलीं हैं जबकि इन जिलों में सपा का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है।