UP Assembly Election 2022: यूपी चुनाव अब अपने अंतिम चरण में है। सातवें और आखिरी दौर में पूर्वांचल की 54 सीटों पर वोटिंग होगी। 9 जिलों में होने वाले वोटिंग के लिए नेताओं ने भी कमर कस ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां 2 जनवरी से बनारस में डेरा डाले हुए हैं। वहीं अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, मायावती भी बनारस पहुंच गए हैं। यही नहीं अखिलेश यादव को सपोर्ट करने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बनारस पहुंची। एक तरह से बनारस इस समय 'राजनीतिक राजधानी' बन गई है। जहां यूपी के सभी कद्दावर नेताओं का डेरा लगा हुआ है। सभी अपने-अपने हिसाब से राजनीतिक समीकरणों को साधने में लगे हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ा साख का सवाल भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल खुद बनारस से सांसद हैं। बल्कि उनके ऊपर 2019 जैसा कमाल दिखाने का भी दबाव है। क्योंकि प्रधानमंत्री ने 2019 के लोकसभा चुनावों में मेगा रोड शो ने पलटती बाजी को अपने पक्ष में कर लिया था।
इन जिलों में वोटिंग
सातवें चरण में गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, बनारस, मिर्जापुर,संत रविदास नगर, चंदौली और सोनभद्र जिले की 54 सीटों पर वोटिंग होगी। पिछली बार 2017 में 54 सीटों में से भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने 36 सीटें जीती थीं। समाजवादी पार्टी को 11, बसपा को 5 और निषाद पार्टी को एक सीट हासिल हुई थी। साफ है कि यह वह इलाका है जहां भाजपा, सपा और बसपा की मजबूत स्थिति है। क्योंकि 2017 में हर चरण में एक तरफा जीत हासिल करने वाली भाजपा को यहां सपा और बसपा से कड़ी टक्कर मिली थी। इसी संघर्ष को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर बनारस में रोड शो कर रहे हैं।
2019 में रोड शो ने किया था कमाल
चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पिछला रोड शो, 2019 के लोकसभा चुनावों में हुआ था। उस दौरान भाजपा को पटखनी देने के लिए समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी ने हाथ मिला लिया था। और ऐसा लग रहा है था कि बनारस के इलाके में भाजपा को भारी नुकसान होगा। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मेन गेट से दशाश्वमेध घाट तक करीब पांच किमी लंबे रोड शो किया था। उस दौरान भी उन्होंने बनारस में चुनाव के पहले ही डेरा डाल दिया था।
और करीब करीब ढाई घंटे से ज्यादा समय तक चले इस रोड शो के बाद जब परिणाम आए तो मोदी 4.75 लाख वोटों से चुनाव जीते थे। जबकि 2014 में वह 3.37 लाख वोट से चुनाव जीते थे। इसके अलावा पूर्वांचल में भी एक तरफा जीत हासिल की थी। ऐसे में यही सवाल है कि क्या एक बार फिर रोड शो के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा को बड़ी जीत दिला पाएंगे। इन 2 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 35-40 सीटों पर सीधे वोटरों को साधाने की कोशिश कर रहे हैं।
विपक्षी दलों ने डाला डेरा
आखिरी चरण के अहमियत को देखते हुए विपक्षी दलों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी बुधवार शाम से ही वाराणसी में हैं। वह कबीरचौरा मठ के साथ ही कबीरचौरा की गलियों में जाकर वोटरों को लुभा रही है। और उनके भाई राहुल गांधी उनका साथ देने शुक्रवार को बनारस पहुंचे। हालांकि राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश के चुनावों में कम सक्रिय दिखाई दिए हैं। लेकिन उनका आखिरी दौर में पहुंचना प्रियंका को बड़ा बूस्ट देगा।
इस बार रैलियों में कम दिखी बसपा सुप्रीमो मायावती भी बनारस में हैं। बीते बृहस्पतिवार को उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री को सिर्फ मुस्लिम, दलित और ब्राह्मण ही गुंडे-माफिया नजर आते हैं। वह मुस्लिम, दलित और ब्राह्मण के ही घर और संपत्ति को उजाड़ते हैं उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार आएगी, तो उस खास वर्ग के माफियाओं के घरों पर बुलडोजर चलेंगे। जिसे संरक्षण दिया जा रहा है।
अखिलेश यादव पूरे गठबंधन के साथ
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव लगातार दो दिनों से बनारस क्षेत्र में ही डेरा जमाए हुए हैं। और अपने गठबंधन साथियों के साथ रैली कर रहे हैं। बीते बृहस्पतिवार की बनारस की रैली में उनके साथ सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी भी थीं। यही नहीं जौनपुर में अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ भी रैली करते नजर आएंगे।
छोटे दलों का दिखेगा असर
सातवें चरण की 54 सीटों पर सुभासपा, अपना दल, निषाद पार्टी का असली असर दिखेगा। और यह चुनाव इन छोटे दलों की हैसियत की भी परीक्षा होगा। जाहिर अंतिम चरण में पहुंच चुका यूपी चुनाव अब अपने सारे रंग बिखेर रहा है। अब देखना है कि वोटर इस बार किसकी होली रंगभरी करता है।