UP Election Third Phase: मुलायम परिवार से लेकर मोदी-योगी के मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, जानें 5 हॉट सीटों का हाल

UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण के चुनाव में मुलायम परिवार के कई सदस्य और योगी सरकार के मंत्री मैदान में हैं। ऐसे में यह चरण बेहद रोचक हो गया है।

UP Assembly Election 2022 Third Phase Voting
तीसरे चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर 
मुख्य बातें
  • 2017 में भाजपा ने अखिलेश यादव के गढ़ में सेंध लगाकर एकतरफा जीत हासिल की थी।
  • भाजपा को 59 में से 49 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
  • इस चरण में हाथरस रेप मामला, बिकरू कांड, इत्र कारोबारी के यहां छापे प्रचार के दौरान प्रमुख मुद्दे रहे।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में 2022 का चुनाव बेहद अहम चरण में पहुंच गया है। 20 फरवरी को हो रहे तीसरे चरण के मतदान में वैसे तो 59 सीटों पर मतदान हो रहा है। लेकिन यह सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के असर वाले यादवलैंड, अवध और बुंदेलखंड के क्षेत्र में  हैं। इस चरण के बाद प्रदेश की 45 फीसदी सीटों पर वोटिंग पूरी हो जाएगी और सत्ता की लड़ाई पूर्वांचल पर प्रमुख रूप से केंद्रित हो जाएगी इस चरण में सपा के कई दिग्गजों की साख दांव पर है। इसमें खुद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव शामिल हैं। इसके अलावा भाजपा से कई मंत्रियों की भी साख दांव पर है। ऐसे में आइए जानते हैं कि तीसरे चरण की 5 हॉट सीटें कौन सी हैं।

करहल 

तीसरे चरण की सबसे हॉट सीट मैनपुरी की करहल है। यहां से अखिलेश यादव खुद मैदान में हैं। अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। और उन्हें टक्कर मोदी कैबिनेट में मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल दे रहे हैं। जो कभी मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी हुआ करते थे। करहल इसलिए अहम है क्योंकि यह मुलायम सिंह परिवार का गढ़ है। ऐसे में बघेल के उतरने से साफ है कि भाजपा किसी भी हालत में उन्हें वॉकओवर नहीं देना चाहती है।  बसपा ने यहां से कुलदीप नारायन तो कांग्रेस ने गायत्री यादव को मैदान में उतारा है।

जसवंतनगर 

तीसरे चरण में इटावा की जसवंतनगर भी वीआईपी सीट है। यहां से मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव चुनावी मैदान में हैं। शिवपाल  समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि उनकी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी है। भाजपा ने विवेक शाक्य को तो बसपा ने बृजेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। इस सीट पर 1980 से ही इस मुलायम सिंह यादव परिवार का कब्जा रहा है। 

कन्नौज 

वैसे तो कन्नौज की पूरी दुनिया में इत्र के लिए पहचान है। लेकिन इस बार चुनाव से पहले जिस तरह कन्नौज के रहने वाले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां छापे में करीब 250 करोड़ रुपये नकदी मिले। उससे पूरे चुनाव में कन्नौज सीट चर्चा का विषय बनी रही । भाजपा ने यहां से कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण को टिकट दिया है। असीम को मैदान में उतारकर भाजपा ने दलित दांव चला है। वहीं समाजवादी पार्टी ने यहां से अनिल कुमार को मैदान में उतारा है। 

महाराजपुर 

कानपुर नगर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट की सीट भी कई मायने में खास है। यहां से भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री सतीश महाना पर फिर से भरोसा किया है। महाना पिछले 35 वर्षों से भाजपा के विधायक हैं। उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी ने युवा उम्मीदवार फतेह बहादुर सिंह को टिकट दिया है। महाना के सामने एक बार फिर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने की चुनौती है। बसपा से सुरेंद्र पाल सिंह और कांग्रेस से कनिष्क पांडे मैदान में हैं।

 सिरसागंज 

फिरोजाबाद जिले की सिरसागंज विधानसभा सीट मुलायम सिंह यादव के परिवार की वजह से चर्चा में है। यहां से मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव मैदान में हैं। हालांकि इस बार वह समाजवादी पार्टी की साइकिल छोड़ भाजपा के रथ पर सवार हैं। हरिओम को सपा के सर्वेश  सपा से चुनौती मिल रही है। खास बात यह है कि सपा ने सर्वेश को उतारकर हरिओम के पैंतरे का जवाब देने की कोशिश की है। हरिओम यादव को सर्वेश  का राजनीतिक गुरू माना जाता है। ऐसे में गुरू-चेले की यह लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है। बसपा ने यहां पंकज मिश्रा तो कांग्रेस ने प्रतिमा पाल को मैदान में उतारा है।

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