10 फरवरी को पहले चरण में 58 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ और अब दूसरे चरण के लिए चुनावी प्रचार तेज हो गया है। बरेली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में उतरे और कहा कि यूपी की जनता को तय करना है कि 2017 से पहले वाला शासन सही था या उसके बाद वाला शासन ठीक है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राज का मतलब ही गुंडाराज है। 2017 से पहले और उसके बाद के उत्तर प्रदेश में फर्क स्पष्ट तौर पर देखा और महसूस किया जा सकता है।
क्या ये तीन नाम जेल में होंगे यदि
उत्तर प्रदेश में तीन बड़े नाम थे- उनमें से एक थे आजम खान। बताओ आज वह कहाँ है? दूसरे नंबर पर थे अतीक अहमद। जहां वह अब है? तीसरे थे मुख्तार अंसारी। वह आज कहाँ है? अखिलेश वोट मांग रहे हैं, कुछ मिलने वाला नहीं है।लेकिन अगर सपा सत्ता में आई तो क्या ये तीनों जेल में ही रहेंगे? अकेले बीजेपी ही माफिया को सलाखों के पीछे डालती है। कोई और ऐसा नहीं कर सकता।
माफियाओं को संरक्षण जातिवादी दलों की मजबूरी
यह परिवर्तन सपा-बसपा द्वारा नहीं लाया जा सकता क्योंकि माफिया को संरक्षण प्रदान करना जातिवादी दलों की मजबूरी है। भाजपा जातिवादी नहीं है। बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो पीएम मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र पर चलती है। उन्होंने कहा कि आप सबने देखा है कि किस तरह से बीएसपी और एसपी के शासनकाल में काम होता था। इन दोनों दलों के लिए परिवार ही सबकुछ होता था। अपने परिवारवाद को सही साबित करने के लिए समाजवाद का सहारा लेता थे। अपनी कमियों को छिपाने के लिए जब इनके पास कोई और रास्ता नहीं बचता है तो ये लोग विक्टिम कार्ड खेलते हैं। भ्रष्टाचार के सागर में यह लोग आकंठ डूबे हुए हैं। अगर इन लोगों के हाथ में सत्ता आई तो यूपी विकास की पटरी से उतर जाएगा।
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