नई दिल्ली : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आक्रामक चुनाव प्रचार एवं जाट समुदायों को अपनी तरफ आकर्षित करने के प्रयासों के बीच समाजवादी पार्टी एवं रालोद गठबंधन भी सक्रिय हो गया है। सपा और रालोद के सप्रीमो अखिलेश यादव एवं जयंत चौधरी शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। अखिलेश एवं जयंत की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की बैठक जाट समुदाय के नेताओं से हुई है।
पश्चिमी यूपी में पहले चरण में मतदान होना है। यां 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर वोड डाले जाएंगे। चुनाव आयोग की तरफ से रैलियां करने पर रोक लगी हुई है। इसे देखते हुए भाजपा के बड़े नेता लोगों से घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। भगवा पार्टी ने पश्चिमी यूपी में अपनी ताकत झोंक दी है। पिछले विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की थी लेकिन कृषि कानूनों पर किसानों की नाराजगी उसे इस बार परेशान कर रही है।
पश्चिमी यूपी कृषि एवं किसान बाहुल्य क्षेत्र है।समझा जा रहा है कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी थोड़ी कम हुई है। अब भाजपा जाट नेताओं से मिलकर इस नाराजगी को दूर कर अपने साथ जोड़ना चाहती है। पिछले चुनावों में भाजपा की जीत में इलाके में जाट समुदाय का बड़ा योगदान रहा है। पश्चिमी यूपी में जाट मतदाताओं की संख्या करीब 16 प्रतिशत है और करीब 80 सीटों के चुनाव नतीजों के ये प्रभावित करते हैं।
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इस बार आरएलडी एवं सपा के बीच हुए गठबंधन ने भाजपा के लिए चुनावी राह कठिन कर दी है। जाट समुदाय यदि इस गठबंधन के साथ गया तो भाजपा को अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं होगा। रालोद पश्चिमी यूपी की 33 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। समझा जाता है कि इस संयुकत संवाददाता सम्मेलन के जरिए अखिलेश एवं जयंत अपनी एकजुटता जाहिर करेंगे।
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दरअसल, भाजपा ने जयंत को अपने साथ आने की पेशकश की है। भगवा पार्टी ने कहा है कि जयंत के लिए उसके दरवाजे खुले हैं। रालोद के प्रवक्ता संदीप चौधरी का कहना है कि भाजपा के इस प्रस्ताव पर जो भ्रम बना है, गठबंधन उसे दूर करना चाहता है। भाजपा की इस पेशकश पर जयंत चौधरी ने कहा है कि वह चवन्नी नहीं हैं जो कि पलट जाएंगे।