यूपी को योगी सरकार नहीं योग्य सरकार चाहिए,अखिलेश यादव ने कसा तंज

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश को योगी नहीं बल्कि योगी सरकार चाहिए।

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यूपी को योगी सरकार नहीं योग्य सरकार चाहिए, अखिलेश यादव ने कसा तंज 
मुख्य बातें
  • यूपी सरकार पर अखिलेश यादव ने कसा तंज
  • गोरखपुर एम्स के लिए जमीन हमने दी, फीता बीजेपी ने काटा- अखिलेश यादव
  • यूपी के लोग अब योग्य सरकार चाहते हैं

देश के सबसे बड़े सूबे में से एक यूपी में अगेल साल विधानसभा का चुनाव होना है और उससे ठीक पहले यूपी में जिस किसी परियोजना का लोकार्पण हो रहा है उस पर समाजवादी पार्टी तंज कस रही है। मसलन सरयू नहर प्रोजेक्ट के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी सरकारों खासतौर पर अखिलेश यादव पर निशाना साधा तो अखिलेश यादव ने कहा कि जो कुछ वो कर गए उसका श्रेय बीजेपी ले रही है।हमारी सरकार और आज की कैंचीजीवी सरकार में फर्क है, 2022 में यूपी से बीजेपी पूरी तरह साफ होने वाली है।

बड़े बड़े वादे, काम कुछ नहीं
अखिलेश यादव ने गोरखपुर के एम्स की बात करते हुए कहा कि सबको पता है कि एम्स के लिए जमीन किसने दी थी।बीजेपी ने दिखाया सपना 2022 तक दोगुनी हो जाएगी किसानों की आमदनी, कहां हैं बढ़ी आमदनी वाले किसान? वे परियोजनाओं की तुलना में विज्ञापनों पर अधिक खर्च करते हैं। बड़े-बड़े होर्डिंग लगा रहे हैं कि युवाओं को नौकरी मिल रही है, यूपी में उन्हें नौकरी कहां दी?


यूपी के लोग योगी नहीं चाहते हैं योग्य सरकार
भाजपा ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें से अधिकांश समाजवादी पार्टी द्वारा शुरू किए गए थे। एसपी ने इसके लिए जमीन नहीं दी तो गोरखपुर एम्स कभी नहीं बन पाएगा। उत्तर प्रदेश के लोग अब 'योगी' सरकार नहीं चाहते, वे 'योग' सरकार चाहते हैं।समाजवादी पार्टी ने युवाओं को लैपटॉप दिए और भाजपा ने उन पर लाठीचार्ज किया। सपा ने गरीबों को लोहिया आवास दिया और लखीमपुर खीरी में भाजपा ने किसानों को खदेड़कर मार डाला। समाजवादी पार्टी विकास में विश्वास करती है जबकि वे नाम बदलने में विश्वास करते हैं।

क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि चुनाव से पहले इस तरह के बयानों की बाढ़ आएगी। लेकिन जहां तक काम का सवाल है तो उसका सीधा वास्ता मौजूदा सरकारों से ही होता है। किसने क्या किया उससे अधिक जनता यह देखती है कि किसके शासन काल में विकास कार्यों को जमीन पर उतारा गया। अगर बात सरयू कैनाल प्रोजेक्ट की करें तो बीजेपी के पास यह कहने का अधिकार है कि जिस योजना को 15 साल में पूरा होना चाहिए था उसे पूरा होने में चालीस साल लग गए। इस तरह के तर्क सिर्फ सरयू कैनाल तक ही संबंधित नहीं है बल्कि यूपी की कई परियोजनाओं की यही हकीकत थी।

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