यूपी सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं, जिसमें बीजेपी एक बार फिर जीत का परचम लहराती नजर आई। यूपी सहित चार राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में पार्टी एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ दमदार जीत हासिल की है। यह दिल्ली के बाद दूसरा राज्य होगा, जहां पार्टी के पक्ष में प्रचंड बहुमत के साथ जनादेश आया है। चुनाव के नतीजे बीजेपी और आप के लिए उत्साहित करने वाले रहे तो कांग्रेस के लिए निराशा भरे, जिसे पांच राज्यों में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
बीजेपी जहां इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सकारात्मक संकेत के तौर पर देख रही है, वहीं आप इसे राष्ट्रीय फलक पर अपने विस्तार के तौर पर देख रही है। चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी और आप की ओर से जो बयान सामने आए हैं, वे कम से कम इसी तरफ इशारा करते हैं। विधानसभा चुनावों में बीजेपी की शानदार जीत से उत्साहित पार्टी के कार्यकर्ताओं को गुरुवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली स्थित बीजेपी कार्यालय में संबोधित किया, जब उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि एक दिन देश की सियासत से परिवारवाद की राजनीति का 'सूर्यास्त' हो जाएगा।
वहीं, चार राज्यों में बीजेपी की जीत से उत्साहित पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह जनादेश इस बात का संकेत है कि जनता नरेंद्र मोदी को 2024 में फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है। बीजेपी ने चार राज्यों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन का श्रेय पीएम मोदी के नेतृत्व और उनके सुशासन मॉडल को दिया है, जबकि कांग्रेस ने हार पर निराशा जताते हुए आत्ममंथन और बदलाव की रणनीति के साथ आगे आने की बात कही है। पार्टी में संगठनात्मक फेरबदल की मांग भी उठने लगी है। वहीं, आप ने पंजाब में अपनी प्रचंड जीत को 'इंकलाब' करार देते हुए कहा कि यह अब पूरे देश में पहुंचेगा।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने उन सभी पूर्वानुनामों को ध्वस्त कर दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि यूपी में अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी को मौका मिल सकता है, जबकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार की वापसी और उत्तराखंड तथा गोवा में पार्टी सत्ता तक पहुंच सकती है। इस चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गजों को हार का सामना भी करना पड़ा, जिन पर पार्टी की जीत का दारोमदार था। पंजाब में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, उत्तराखंड में हरीश रावत कांग्रेस के उन प्रमुख चेहरों में रहे, जिनकी गिनती इन राज्यों में पार्टी के प्रमुख नेताओं के तौर पर होती थी, लेकिन वे अपनी सीट भी नहीं बचा सके। इन विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले दिग्गज नेताओं में बीजेपी के कद्दावर नेता भी शामिल रहे, जिनमें यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल रहे।
यूपी के चुनाव नतीजों की बात करें तो यहां सबसे अधिक चौंकाने वाला प्रदर्शन बसपा का रहा, जो 1 सीट पर सिमट गई है। यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबी और प्रभावी भूमिका निभाने वाली बसपा का राज्य के विधानसभा चुनाव में अब तक सबसे खराब प्रदर्शन है। यूपी में बसपा का वोट शेयर कभी 20 फीसदी से ज्यादा हुआ करता था और उसने यहां सरकार भी बनाई है, लेकिन इस बार उसे केवल 12.88 प्रतिशत मत मिले हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में से बीजेपी 247 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है, जबकि 8 सीटों पर वह आगे चल रही है। इस तरह यहां बीजेपी को 255 सीटों पर बढ़त हासिल है, जो सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से कहीं ज्यादा है। बीजेपी को यहां 41.3 प्रतिशत वोट मिले हैं।
उत्तराखंड की बात करें तो 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बीजेपी 47 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। यहां भी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से अधिक सीटें हासिल हुई हैं। पार्टी को यहां 44.3 फीसदी वोट मिले हैं। गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को 20 सीटों पर जीत हासिल हो चुकी है, जबकि दो सीटों के साथ आप ने भी यहां खाता खोल लिया है। बीजेपी को यहां सरकार बनाने के लिए महज एक विधायक के समर्थन की आवश्यकता होगी। बीजेपी का मत प्रतिशत यहां 33.3 फीसदी रहा है। मणिपुर में विधानसभा की 60 सीटें हैं और जनादेश से साफ हो गया है कि जनता ने यहां एक बार फिर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए चुना है। पार्टी को यहां 32 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि वोट प्रतिशत 37.8 फीसदी है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। राज्य की 117 सदस्यीय विधानसभा में आप को 92 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि पार्टी का मत प्रतिशत यहां 42 फीसदी रहा है। आप ने भगवंत मान को सीएम पद का चेहरा घोषित किया है, जिन्होंने जीत के बाद कांग्रेस, बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी को पंजाबियों का सम्मान करना होगा। आप के लिए यह चुनावी जीत इसलिए भी अहम रही, क्योंकि चुनाव से ठीक पहले पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप कवि कुमार विश्वास की ओर से लगाए थे, जिस पर सियासत खूब गरमाई।