नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में नया प्रयोग किया है। इसके तहत 15 जनवरी तक राजनीतिक दल रैलियों, नुक्कड़ सभा व साइकिल रैली और पदयात्रा जैसे प्रचार के तरीके इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। वह वर्चुअल रैलियां कर सकेंगे। इस फैसले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने बीते शनिवार को एएनआई से कहा कि अगर चुनाव आयोग वर्चुअल रैली कराना चाहता है तो उसे उन पार्टियों के बारे में भी सोचना चाहिए जो बहुत छोटी हैं और जिनके पास जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है।
जाहिर है अखिलेश यादव को इस बात का डर सता रहा है कि भाजपा जैसे मजबूत संसाधनों वाली पार्टी के खिलाफ हाईटेक लड़ाई, कहीं एक तरफा न हो जाय। क्योंकि भाजपा और दूसरी पार्टी के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी अंतर है। जिसकी वजह से भाजपा के मुकाबले छोटे दलों की तुलना बेमानी हो सकती है।
क्या है अंतर
ट्विटर पर किसके कितने फॉलोअर्स
राजनीतिक दल | फॉलोअर्स |
भाजपा | 1.73 करोड़ |
समाजवादी पार्टी | 28 लाख |
कांग्रेस | 84 लाख |
बीएसपी | 24.6 हजार |
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी | 11 हजार |
राष्ट्रीय लोक दल | 42 हजार |
फेसबुक लाइक
राजनीतिक दल | लाइक्स |
भाजपा (यूपी) | 49 लाख |
समाजवादी पार्टी | 29 लाख |
कांग्रेस | 5.38 लाख |
बीएसपी | - |
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी | 31 हजार |
राष्ट्रीय लोक दल | 2 लाख |
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क्या है तैयारी
भाजपा ने डिजिटल रूप से मतदाताओं तक पहुंचने के लिए काफी पहले से तैयरी कर दी थी, और उसके उसने जुलाई-अगस्त से टीम के गठन से लेकर ट्रेनिंग तक का काम शुरू कर दिया था। इसके अलावा पार्टी ने सोशल मीडिया और आईटी के लिए दो अलग-अलग टीमें बना रखी हैं। जो कि जिले स्तर से लेकर पन्ना प्रमुख लेवल तक एक्टिव हैं।
पार्टी ने 50 लाख पन्ना प्रमुख बनाए हैं। इसके अलावा 1.63 लाख बूथ प्रमुख भी बनाए हैं। जिनके जरिए पार्टी डिजिटल कैंपेन भी कर रही हैं। इसी के तहत सोशल मीडिया पर मैं पन्ना प्रमुख अभियान भी चलाया जा चुका है। और हर बूथ पर आईटी सेल से जुड़े 2-3 लोगों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा 1.5 लाख से ज्यादा वाट्स ऐप ग्रुप भी बनाए गए हैं।
साथ ही पार्टी शॉर्ट वीडियो क्लिप के जरिए विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का तोड़ भी निकाल रही है। साथ ही पार्टी ने सरकार के काम की उपलब्धियों को बताने के लिए तीर्थ स्थलों पर किए गए काम और सरकार के दूसरे कार्यों को अलग-अलग कैटेगरी के जरिए पेश करने पर फोकस है। इसके अलावा पार्टी आने वाले दिनों में वर्चुअल रैली , 3डी तरीके से करने की तैयारी कर रही है। जिसके जरिए पार्टी एक साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की उम्मीद कर रही है।
समाजवादी पार्टी भी दूसरे विपक्षी दलों की तुलना में कहीं ज्यादा ऑनलाइन एक्टिव नजर आ रही है। पार्टी ने करीब एक साल पहले से सोशल मीडिया रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया था। नई गाइडलाइन में पार्टी का फोकस अपने मतदाताओं तक पहुंचने के लिए छोटे वीडियो पर रहेगा। इसके अलावा वाट्स ऐप ग्रुप के जरिए सभी विधानसभाओं तक पहुंचने पर जोर है। पार्टी ने हर क्षेत्र के लिए 7-8 वाट्स ग्रुप बनाए हैं।
हालांकि समाजवादी पार्टी ने जिन राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन किया है। वह डिजिटल कैंपेन में कमजोर दिखते हैं। ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के केवल 11 हजार फॉलोअर्स हैं। इसी तरह राष्ट्रीय लोक दल के 42 हजार फॉलोअर्स हैं। इसी तरह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के फेसबुक पर 31 हजार और राष्ट्रीय लोक दल के 2 लाख लाइक्स हैं।
किस दल की कितनी इनकम
राजनीतिक दल | इनकम (2019-20) लाख रुपये में |
भाजपा (यूपी) | 3,62,328.06 |
समाजवादी पार्टी | 5,569.27 |
कांग्रेस | 99,815.89 |
बीएसपी | 9505.47 |
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी | - |
राष्ट्रीय लोक दल | 337.76 |
स्रोत: नेशनल इलेक्शन वॉच