Uttarakhand New CM: धामी की हार के बाद उत्तराखंड में कौन बनेगा CM? इनमें से लग सकती है किसी एक की लॉटरी

Uttarakhand BJP CM Candidate List & Names 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा चुनाव जीत गई हो, लेकिन उसके मुख्यमंत्री को चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। भुवन चंद खंडूरी के बाद धामी भाजपा के दूसरे सिटिंग सीएम हैं जिन्हें हार का सामना करना पड़ा।

Uttarakhand New CM name, Know who will be the next chief minister of state
तो उत्तराखंड में इन चेहरों में कोई एक बनेगा मुख्यमंत्री? 
मुख्य बातें
  • उत्तराखंड में भाजपा एक बार फिर बनाएगी बहुमत की सरकार
  • मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के खटीमा सीट पर चुनाव हारने से बीजेपी को लगा झटका
  • भाजपा के लिए सीएम पद के लिए अब कई नामों की होने लगी है चर्चा

Uttarakhand BJP CM Candidate Names:​ उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के रूझान धीरे-धीरे अब नतीजों में तब्दील हो गए हैं और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रचते हुए बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए शानदार जीत हासिल कर ली है। यह उत्तराखंड की राजनीति में पहला अवसर है जब कोई सरकार लगातार दूसरा कार्यकाल पूरा करेगी। इन सबके बीच बीजेपी के लिए बुरी खबर ये है कि उसके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद खटीमा से चुनाव हार गए हैं। धामी बीजेपी के दूसरे तथा कुल मिलाकर तीसरे ऐसे सीएम हैं जो मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हार गए हैं। इससे पहले भुवन चंद खंडूरी और हरीश रावत भी सीएम रहते हुए चुनाव हार गए थे। 

अगला सीएम कौन

भाजपा भले ही बहुमत के साथ वापसी कर रही है लेकिन उसके सामने फिर एक बार मुख्यमंत्री के चेहरे का संकट पैदा हो गया है। पार्टी पुष्कर सिंह धामी के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी और यह तय माना जा रहा था कि अगर धामी जीते तो उन्हें ही सीएम की कुर्सी सौंपी जाएगी, क्योंकि इसके पीछे कई कारण थे, जैसे- धामी का युवा चेहरा होना, अपने कार्यकाल के दौरान साफ -सुथरी छवि के साथ सरकार की योजनओं को तेजी से धरातल पर उतारना और सबको साथ लेकर चलने की क्षमता आदि। अब जब धामी खुद चुनाव हार गए हैं तो ऐसे में सवाल उठता है कि अगला सीएम कौन होगा?

इन नामों पर हो सकता है विचार

भाजपा के पास सीएम के चेहरों की कमी नहीं है, यह पिछले एक साल में सबने देखा। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार बीजेपी चुने हुए विधायकों में से सीएम बनाती है या फिर दिल्ली से कोई चेहरा तय होगा। जिन नामों की चर्चा शुरू होनी शुरू हो गई है उनमें राज्यसभा सांसद और बीजेपी के तेज तर्रार नेता अनिल बलूनी का नाम सबसे अधिक सुर्खियों में फिर से आ गया है। इसके अलावा लोकसभा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नाम की भी चर्चा हो रही है।

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चुने हुए विधायकों में से किसी एक पर लगेगी मुहर?

वहीं चुने हुए विधायकों की बात करें तो उनमें से भाजपा के पास कई चेहरे ऐसे हैं दमदार नाम है, इनमें सबसे प्रमुख नाम है सतपाल महाराज का जो चौबट्टाखाल से जीत गए हैं। महाराज सबसे वरिष्ठ नेता है लेकिन उनके साथ माइनस प्वॉइंट ये है कि वो पहले कांग्रेस पृष्ठभूमि के रह चुके हैं, हालांकि असम में बीजेपी हिमंता बिस्वा सरमा के साथ यह प्रयोग कर चुकी है।  इसके अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी सीएम की रेस में हैं और खुद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुख्यमंत्री बनने का फॉर्मूला कार्यकर्ताओं को बताया था। इसके अलावा धन सिंह रावत जो अभी श्रीनगर सीट से कांटे की टक्कर में आगे चल रहे हैं वो भी सीएम की रेस में पिछली बार भी आगे रह चुके हैं।

क्या ममता की तरह रिस्क लेगी बीजेपी?

इसके अलावा इस बार के आसार बनते हैं कि भाजपा ममता बनर्जी की तरह पुष्कर सिंह धामी को ही सीएम बनाए और फिर किसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाए। हालांकि इसके आसार बेहद कम हैं क्योंकि हिमाचल में भाजपा ने जब प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था तो वो खुद चुनाव हार गए थे फिर भाजपा ने जयराम ठाकुर को सीएम पद की जिम्मेदारी दी थी। तो आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किसे उत्तराखंड की कमान सौंपती है।

कांग्रेस की हार की वजह

कांग्रेस की हार की कई वजहें सामने आ रही है। गुटबाजी चुनाव के दौरान भी देखी गई। कहा जा रहा है कि रावत और प्रीतम गुट ने भले ही बाहरी दिखावे के लिए एकजुटता का प्रदर्शन किया हो लेकिन अंदरखाने यह एकजुटता नहीं दिखी। हरीश रावत को लेकर कांग्रेस नेता द्वारा दिया गया मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाला बयान बीजेपी ने खूब भुनाया और इसकी चर्चा जनता में भी होने लगी थी। हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगा कि कांग्रेस को इसकी वजह से हार मिली, लेकिन जनता तक भाजपा इसे मुद्दा बनाने में जरूर सफल रही।

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