हरक सिंह रावत इस समय किस दल के साथ है इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। लेकिन वो अब बीजेपी के हिस्सा नहीं हैं। बीजेपी ने उन्हें सरकार और पार्टी दोनों जगहों से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी से निष्कासन के बाद हरक सिंह रावत मीडिया के सामने और उनके आंखों में आंसू थे और कहा कि इतने बड़े फैसले की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया से मिली। लेकिन अब जो जानकारी सामने आ रही हैं वो चौंकाने वाली है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट की मांग कर रहे थे।
Harak Singh Rawat News: आंखों में आंसू और दर्द भरा बयान, हरक सिंह रावत बोले- सोशल मीडिया से निष्कासन के बारे में पता चला
हरक सिंह रावत पर आरोप
हरक सिंह रावत बीजेपी विधायकों को भड़का रहे थे।
कांग्रेस में जाने की योजना बना रहे थे और उसके लिए गुप्त बैठक की थी।
तीन लोगों के लिए टिकट की मांग की ।
खुद सीएम बनना चाहते थे।
विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह रावत से आधी रात मुलाकात की थी।
हरक सिंह रावत का राजनीतिक ग्राफ
हरक सिंह रावत के राजनीतिक करियर की बात करें तो 1984 में वो पहली बार उत्तर प्रदेश में बीजेपी से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बाद में 1991 में उन्हें बीजेपी ने पौड़ी से टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की। उस वक्त कल्याण सिंह की सरकार में वो कैबिनेट मंत्री रहे।
साल 2002 में अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद कांग्रेस ने हरक सिंह रावत को लैंसडौन से टिकट दिया और इस बार भी वो विधायक चुने गए। 2007 में भी लैंसडौन से ही दोबारा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 2012 के विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से जीत हासिल की।