नई दिल्ली : कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी चुनावी रैलियों एवं सभाओं को स्थगित करने का फैसला लिया है। वह वर्चुअल तरीके से चुनावी सभा को संबोधित करेगी। इसके पहले कांग्रेस पार्टी राज्य में अपनी बड़ी चुनावी सभाओं को स्थगित कर चुकी है। टाइम्स नाउ नवभारत की खबर का असर राजनीतिक दलों पर हुआ है। चैनल लगातार खबर दिखा रहा है कि कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए राज्यों में आम लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लग रहे हैं जबकि राजनीतिक दलों की रैलियों में बड़ी संख्या में भीड़ जुट रही है। रैलियों से कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा बना हुआ है। इसलिए राजनीतिक दलों को पहले अपनी चुनावी रैलियों पर रोक लगानी चाहिए।
आठ जनवरी को वाराणसी में होने वाली 'केजरीवाल गारंटी जनसभा' अब वर्चुअल तरीके से होगी। इसी तरह साहिबाबाद, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा की जनसभा को भी पार्टी नेता आन लॉइन संबोधित करेंगे। टाइम्स नाउ नवभारत यह सवाल लगातार उठा रहा था कि देश में जब कोरोना संक्रमण जब इतनी तेजी के साथ फैल रहा है तो राजनीतिक दल रैलियों क्यों कर रहे हैं? चैनल भाजपा सहित बड़े दलों से सवाल करता आया है। हालांकि, ये सभी दल रैलियों की संख्या सीमित करने पर सहमत हैं। भाजपा का कहना है कि उसे वर्चुअल रैली करने में कोई परेशानी नहीं है। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने बुधवार को कहा कि रैलियों को स्थगित या रद्द करन के बारे में फैसला सरकार को करना चाहिए।