चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह की चुनावी रैली में प्रदर्शनकारी शिक्षकों के साथ ज्यादती हुई है। यहां नौकरी की मांग करने वाले शिक्षकों को पुलिसिया 'जुर्म' का शिकार होना पड़ा। दरअसल, मंगलवार को संगरूर में चन्नी एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान वहां बड़ी संख्या में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET), बीएड पास अध्यापक चन्नी सरकार के खिलाफ नारेबाजी और नौकरी की मांग करने लगे। हैरान करने वाली बात यह है कि वहां तैनात पुलिस शिक्षकों का मुंह दबाकर उन्हें खामोश करती दिखी। महिला शिक्षकों के साथ भी पुलिस अभद्रता करती दिखी।
शिक्षकों की आवाज दबाने की यह पूरी घटना मुख्यमंत्री चन्नी के सामने हुई। इस घटना के दौरान मुख्यमंत्री मंच पर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि 'सरकार की हर रैली में इस तरह के दो-चार लोग आ जाते हैं और हंगामा खड़ा करते हैं। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह लोगों के लिए बहुत सारा काम कर रहे हैं।' चन्नी ने जब बोलना शुरू किया उसी समय वहां पंडाल में मौजूद शिक्षक राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सीएम की रैली में व्यवधान न खड़ा हो इसके लिए पुलिस शिक्षकों को जबरन वाहन में बिठाकर वहां से ले गई। शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह ने कहा, 'हमारे सदस्यों को पुलिस जबरन पंडाल से ले गई। इस दौरान संगरूर इकाई के अध्यक्ष कुलवंत सिंह लोंगोवाल की पगड़ी गिर गई।' इस घटना के बाद पंजाब की चन्नी सरकार भाजपा के निशाने पर आ गई है।