Faridabad News: नगर निगम पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, ऑडिट विभाग के 12 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित, यह है मामला

Faridabad News: फरीदाबाद नगर निगम में हुए 200 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में राज्‍य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑडिट विभाग के 12 लोगों को निलंबित कर दिया है। इसमें 10 अधिकारी और 2 कर्मचारी शामिल हैं। यह घोटाला वर्ष 2017 और 2020 के बीच किया गया था।

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फरीदाबाद नगर निगम के 12 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • वर्ष 2017 और 2020 के बीच हुआ था 200 करोड़ का घोटाला
  • निगम अधिकारियों ने बगैर काम किये ठेकेदार को जारी कर दिये थे पैसे
  • इस घोटाले में ऑडिट विभाग की अहम भूमिका, इसलिए हुई कार्रवाई

Faridabad News: हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद नगर निगम में बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई नगर निगम के अंदर बिना किसी कार्य के किए गए 200 करोड़ रुपये के भुगतान के भ्रष्‍टाचार मामले में की गई है। इस मामले में सरकार ने निगम के ऑडिट शाखा के 10 अधिकारी और 2 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। सरकार की इस कार्रवाई में तीन राजपत्रित अधिकारियों में से एक आडिट विभाग के संयुक्त निदेशक भी शामिल हैं। वहीं अन्य दो राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ अभी कार्रवाई करने की प्रक्रिया चल रही है। जिस पर कार्रवाई की जानी है, वे यहां पर वर्ष 2017 से 2019 तक रेजिडेंट सीनियर ऑडिटर के पद पर नियुक्त थे।

राज्‍य सरकार ने जिन 10 अधिकारियों पर कार्रवाई की है, उसमें से 9 लोकल ऑडिटर के पद पर कार्यरत थे। इसमें से आठ नगर निगम में ऑडिटर थे और एक रेजिडेंट सीनियर ऑडिटर गुरुग्राम में कार्यरत थे। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बता दें कि इस भ्रष्‍टाचार के मामले में मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, रमन शर्मा और जेई दीपक को पहले ही निलंबित कर गिरफ्तार किया जा चुका है।

नगर निगम की अकाउंट शाखा में लगी थी आग

फरीदाबाद नगर निगम में यह घोटाला साल 2017 से 2020 के बीच हुआ था। इस दौरान ठेकेदार सतवीर को निगम की तरफ से बिना कोई काम किए अधिकारियों द्वारा करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। जब यह मामला पार्षदों ने उच्‍च अधिकारियों के सामने उठाया तो उसके तुरंत बाद साल 2020 में नगर निगम की अकाउंट शाखा में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई थी। जिसमें इस घोटाले से जुड़ी लगभग सभी फाइलें जलकर राख हो गईं। बाद में आग का यह मामला भी घोटाले से जोड़कर देखा गया था। इसके बाद इस घोटाले की जांच शुरु हुई और फिर परत दर परत खुलासा होगा गया। विजिलेंस ने इस घोटाले में कई मुकदमें दर्ज कराए और पूरे भ्रष्टाचार को उजागर किया। जिसके बद पता चला कि यह पूरा घोटाला 200 करोड़ रुपये का है। विजिलेंस ने इस भ्रष्‍टाचार में आडिट शाखा की बड़ी भूमिका बताई है।

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